उत्तरप्रदेश: कैबिनेट मंत्री के काफिले के सामने आया शख्स, बचाने के चक्कर में एक्सीडेंट, संजय निषाद जख्मी

उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ में बड़ी घटना हो गई। बुधवार (9 अक्टूबर) को कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के काफिले का एक्सीडेंट हो गया। मंत्री को पैर में चोट आई है।

Updated On 2024-10-09 14:52:00 IST
Cabinet Minister Sanjay Nishad

Cabinet Minister Convoy Accident: प्रतापगढ़ में बुधवार (9 अक्टूबर) को बड़ी घटना हो गई। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का काफिला हादसे का शिकार हो गया। एक व्यक्ति को बचाने के चक्कर में काफिले की गाड़ियां आपस में टकरा गईं। हादसे में काफिले की कई गाड़ियां छतिग्रस्त हो गईं। मंत्री को पैर में चोट आई है। मंत्री को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। एक्सीडेंट प्रतापगढ़-रायबरेली बॉर्डर के करिहा बाजार के पास हुआ है।  सूचना मिलते ही  कलेक्टर और SP मेडिकल कॉलेज पहुंचे। 

समीक्षा बैठक करने प्रतापगढ़ जा रहे थे मंत्री 
जानकारी के मुताबिक, निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद प्रतापगढ़ में समीक्षा बैठक करने के लिए आ रहे थे। बुधवार दोपहर 12 बजे प्रतापगढ़ और रायबरेली बॉर्डर पर करिहा बाजार के पास एक व्यक्ति गाड़ी के सामने आ गया। उसे बचाने के चक्कर में काफिले की गाड़ियां आपस में टकरा गईं। कई गाड़ियां छतिग्रस्त भी हुई हैं। मंत्री संजय भी चोटिल हो गए। समर्थकों ने मंत्री को आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया।

घुटने में चोट और पैर में सूजन 
हादसे की सूचना मिलते ही मेडिकल कॉलेज पर भाजपा और निषाद पार्टी के नेताओं और उनके समर्थकों की भीड़ लग गई। मंत्री को दाएं घुटने में चोट आई है। पैर में खरोच और सुजन भी है। एक्स-रे कराया गया है। रुटीन टेस्ट किया गया। डॉक्टर ने मंत्री को आराम करने की सलाह दी गई है। 1 घंटे के इलाज के बाद मंत्री को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद मंत्री अपने कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए।

जानें कौन हैं संजय निषाद 
7 जून 1965 को गोरखपुर के चौमुखा गांव में जन्मे संजय निषाद वर्तमान में योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। 2021 से उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं। 2016 में संजय ने निषाद पार्टी की स्थापना की और अध्यक्ष बने। संजय ने इलेक्ट्रोहोम्योपैथी का कोर्स किया और इसे चिकित्सा के रूप में मान्यता दिलाने के लिए संघर्ष किया। निषाद पार्टी की स्थापना से पहले संजय ने एक दशक तक गोरखपुर के गीता वाटिका रोड पर एक क्लीनिक भी संचालित किया।

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