कानपुर: 4 साल से बंद मदरसे में मिला बच्चे का कंकाल, हत्या या फिर भूख से हुई मौत? पोस्टमार्टम के बाद खुलेगा राज

उत्तर प्रदेश के कानपुर से सनसनीखेज खबर है। 4 साल से बंद मदरसे में बुधवार (27 नवंबर) को बच्चे का कंकाल मिला है। बच्चे की मौत कैसे हुई? PM के बाद खुलेगा राज।

Updated On 2024-11-27 19:02:00 IST
Kanpur Crime News

Kanpur Crime News: उत्तर प्रदेश के कानपुर से सनसनीखेज खबर है। 4 साल से बंद मदरसे में बुधवार (27 नवंबर) को बच्चे का कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस पहुंची। कंकाल को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। पुलिस को कमरे में कोई और चीज नहीं मिली है। बच्चे की हत्या हुई है या फिर गलती से मदरसे के अंदर बंद होने से मौत हुई? पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही खुलासा होगा। घटना जाजमऊ थाना क्षेत्र के पोखरपुर की है। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई है। 

सिलसिलेवार जानें पूरा घटनाक्रम 
जानकारी के मुताबिक, बेकनगंज निवासी शब्बीर अहमद का जाजमऊ के पोखरपुर फार्म वाली गली में 2 मंजिला मकान है। मकान में शब्बीर के दामाद परवेज अख्तर 2015 में मदरसा चलाते थे। तब मदरसे में 70 से ज्यादा बच्चे पढ़ते थे। मदरसे का नाम कदरिया उलूम था। 4 साल पहले कोविड काल में मदरसा बंद हो गया था। कैंसर पीड़ित परवेज अख्तर की भी 2 साल पहले मौत हो थी। 

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शव पूरी तरह से डिस्पोज 
बुधवार को मदरसे का ताला टूटने की सूचना मिलने पर परवेज के परिजन पहुंचे। मदरसे के अंदर जाकर देखा तो कमरे में बच्चे का कंकाल पड़ा था। सूचना पर पुलिस और फोरेंसिक टीम पहुंची। जांच-पड़ताल के बाद साक्ष्य इकट्‌ठे किए। फोरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक, शव पूरी तरह से डिस्पोज हो चुका है। सिर्फ कंकाल और उसके ऊपर कपड़ा बचा है। कंकाल को देखकर यह भी बताना मुश्किल हो रहा है कि मेल या फीमेल, किसका शव है। मामले की जांच की जा रही है।  

बोर्ड में लिखी 20/05/2023 की तारीख
बच्चे की हत्या हुई? या बच्चा गलती से मदरसे के अंदर बंद हो गया था। फिर भूख और बीमारी से उसकी मौत हो गई? तमाम सवालों के जवाब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आएंगे। पुलिस की शुरुआती जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई है। ब्लैक बोर्ड में क्लास वर्क में 20/05/2023 की तारीख लिखी है। जबकि परिवार और रिश्तेदारों का दावा है कि कोरोना काल से पढ़ाई बंद है। ऐसे में सवाल उठता है कि उस दिन कौन पढ़ा गया। कंकाल के ऊपर हाफ पैंट जो खुला पड़ा था। ऊपर के कपड़े भी चढ़े थे।  

दो साल पहले भी टूटा था ताला 
परिजनों से पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि डेढ़ से दो साल पहले जब भी मदरसे का ताला टूटा था। तब परिजन आए और नया ताला लगाकर चले गए। अंदर जाकर नहीं देखा था कि वहां क्या है? बता दें कि मदरसे में क्लास रूम के पीछे एक किचन है। सामने बने छोटा से कमरे में बच्चे का कंकाल मिला है। इस कमरे में खिड़की भी लगी है।  

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