Allahabad High Court: 'शादी में मिलने वाले गिफ्ट की बनाएं लिस्ट, दूल्हा-दुल्हन के साइन भी कराएं' हाईकोर्ट ने क्यों कहा ऐसा

Allahabad High Court: उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज प्रताड़ना के मामले की सुनवाई करते बड़ी सलाह दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि शादी के दौरान मिले उपहारों की लिस्ट बनाकर वर और वधु से पक्ष के हस्ताक्षर कराए जाने चाहिए।

Updated On 2024-05-15 16:18:00 IST
Allahabad High Court

Allahabad High Court: शादी में कितने उपहार मिले। कितने जेवर मिले इन सबकी एक लिस्ट तैयार होनी चाहिए। लिस्ट बनने के बाद दूल्हा और दुल्हन दोनों पक्ष के हस्ताक्षर भी कराए जाने चाहिए। ऐसा करने से शादी के बाद होने वाले विवादों में मदद मिलती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज प्रताड़ना के एक मामले की सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण सलाह दी है। कोर्ट ने सरकार से हलफनामा मांगा है कि वह बताएं कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम के रूल 10 के अन्तर्गत कोई नियम प्रदेश सरकार ने बनाया है। मामले की अलगी सुनवाई 23 मई को होगी। 

शादी में मिले गिफ्ट दहेज के दायरे में नहीं 
हाईकोर्ट ने दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1985 का हवाला देते हुए कहा कि शादी विवाह में दूल्हा और दुल्हन दोनों को ही मिलने वाले उपहारों की लिस्ट बनाई जानी चाहिए। लिस्ट से यह साफ होगा कि वर वधु को क्या-क्या उपहार मिले हैं। कोर्ट ने कहा कि शादी के दौरान मिलने वाले गिफ्ट को दहेज के दायरे में नहीं रखा जा सकता।

बेवजह लगने वाले आरोपों को रोका जा सकेगा 
जस्टिस विक्रम डी. चौहान की बेंच ने कहा कि दहेज की मांग के आरोप लगाने वाले लोग अपनी अर्जी के साथ ऐसी लिस्ट क्यों नहीं लगाते। चौहान ने कहा कि यह जरूरी है कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम का उसकी पूरी भावना के साथ पालन होना चाहिए। यह नियम बताता है कि दहेज और गिफ्ट में क्या अंतर है। शादी के दौरान लड़का और लड़की को मिलने वाले गिफ्ट को दहेज में नहीं शामिल किया जा सकता। सबसे अच्छा तो यह रहेगा कि शादी के दौरान मौके पर मिली सभी चीजों की एक लिस्ट बनाई जाए। इस पर वर और वधू दोनों के ही साइन भी हों। इससे भविष्य में लगने वाले बेवजह आरोपों को रोका जा सकेगा।

सरकार बताए शादी में अधिकारियों को नहीं भेजा?
हाईकोर्ट ने कहा कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1985 के अनुसार तो दहेज प्रतिषेध अधिकारियों की भी तैनाती की जानी चाहिए। लेकिन आज तक शादी में ऐसे अधिकारियों को नहीं भेजा गया। राज्य सरकार को बताना चाहिए कि उसने ऐसा क्यों नहीं किया, जबकि दहेज की शिकायतों से जुड़े मामले खूब बढ़ रहे हैं। 

Similar News