बिजनौर: पटाखा फैक्ट्री में गंधक-पोटाश छानते समय भीषण विस्फोट, मजदूर की दर्दनाक मौत
बिजनौर के नजीबाबाद में मंगलवार को 'शिफा फायरवर्क्स' फैक्ट्री में गंधक-पोटाश के मिश्रण के दौरान भीषण विस्फोट हुआ।
पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी कर दी है और फोरेंसिक टीम को साक्ष्य जुटाने के लिए बुलाया गया है।
बिजनौर : उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद अंतर्गत नजीबाबाद क्षेत्र के जलालाबाद में मंगलवार सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ। इस हादसे में फैक्ट्री में कार्यरत एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई।
विस्फोट इतना भयानक था कि मजदूर का शरीर क्षत-विक्षत हो गया और उसका सिर धड़ से अलग होकर काफी दूर जा गिरा। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
गंधक-पोटाश छानते वक्त हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, यह घटना नजीबाबाद के जलालाबाद स्थित 'शिफा फायरवर्क्स' नामक फैक्ट्री में मंगलवार सुबह करीब 10:30 बजे हुई। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री के शेड के नीचे एक आम के पेड़ के पास मजदूर गंधक और पोटाश को छानने का काम कर रहे थे।
इसी दौरान अचानक रसायनों के घर्षण या किसी अन्य तकनीकी कारण से भीषण विस्फोट हो गया। धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जिससे आसपास के ग्रामीणों में दहशत फैल गई।
मजदूर के उड़े चीथड़े, 40 से अधिक लोग थे मौजूद
विस्फोट की चपेट में आकर पाडला निवासी मजदूर सुधीर कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धमाका इतना तेज था कि सुधीर का सिर धड़ से अलग हो गया और शरीर के अन्य हिस्से घटनास्थल पर दूर-दूर तक बिखर गए।
हादसे के वक्त फैक्ट्री में करीब 40 मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। धमाका होते ही वहां चीख-पुकार मच गई और अन्य मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई।
पुलिस-प्रशासन का मौका मुआयना और जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा, एसडीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और सीओ नितेश प्रताप सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी कर दी है और फोरेंसिक टीम को साक्ष्य जुटाने के लिए बुलाया गया है।
एसपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला लापरवाही का लग रहा है, जिसकी गहनता से जांच की जा रही है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
लाइसेंस और सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
प्रशासनिक जांच में सामने आया है कि उक्त पटाखा फैक्ट्री का लाइसेंस वर्ष 2029 तक वैध है। हालांकि, रिहायशी इलाके के पास इस तरह के खतरनाक रसायनों के खुले में इस्तेमाल और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
अधिकारियों का कहना है कि यदि जांच में किसी भी तरह के नियमों का उल्लंघन पाया गया, तो फैक्ट्री का लाइसेंस तुरंत निरस्त कर दिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।