Ayush University: गोरखपुर को मिला उत्तर भारत का पहला आयुष विश्वविद्यालय, राष्ट्रपति मुर्मू ने किया उद्घाटन; जानें खासियत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। जानिए इस यूनिवर्सिटी की खासियत, लागत, सुविधाएं और युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं।
गोरखपुर में गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन, जानें खासियत।
Gorakhpur Ayush University inauguration: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सोमवार (1 जुलाई 2025) को बड़ी सौगात मिली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी इस दौरान मौजूद रहीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, आयुष चिकित्सा भारत की विरासत है। इस विश्वविद्यालय से पूरी दुनिया में भारत की पारंपरिक चिकित्सा का सम्मान बढ़ेगा। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, गोरखपुर अब आयुष शिक्षा और रोजगार का केंद्र बनेगा। यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद व योग आधारित चिकित्सा में आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगा।
उत्तर भारत में आयुष शिक्षा का नया केंद्र
यह उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है, जो आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (AYUSH) पद्धतियों में उच्च शिक्षा और शोध को बढ़ावा देगा। यह यूनिवर्सिटी उत्तर भारत के युवाओं को पारंपरिक चिकित्सा में रोजगार और नवाचार की नई संभावनाएं देगा।
गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय – प्रमुख तथ्य
- लोकेशन: पिपराइच, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
- कुल लागत: ₹299.88 करोड़
- भूमि: 52 एकड़ में फैला अत्याधुनिक कैंपस
- संबद्ध: कॉलेज 89 आयुष संस्थान इससे जुड़ेंगे
- कोर्सेस: BAMS, BHMS, BUMS, रिसर्च प्रोग्राम
क्या है यूनिवर्सिटी की खासियतें?
- आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर: स्मार्ट क्लासरूम, लैब्स, डिजिटल लाइब्रेरी, रिसर्च विंग और छात्रावास
- रिसर्च और नवाचार: पारंपरिक चिकित्सा में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शोध और विकास
- रोजगार और स्टार्टअप हब: युवाओं को आयुष आधारित स्टार्टअप व हेल्थकेयर में मौका
- महिलाओं के लिए अवसर: योग और आयुर्वेद में विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम
- डिजिटल हेल्थ: टेलीमेडिसिन और आयुष डिजिटल सेवाओं की शुरुआत
गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की संभावनाएं
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए आकर्षण
- मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा
- नई नौकरियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत
- योग, आयुर्वेद और होम्योपैथी में रिसर्च आधारित समाधान