लखनऊ को आज मिलेगी बड़ी सौगात: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' का लोकार्पण, 65 फीट ऊंची प्रतिमाएं होंगी राष्ट्र को समर्पित

65 एकड़ में फैले इस स्मारक में अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय की 65 फीट ऊंची प्रतिमाएं और कमल के आकार का डिजिटल म्यूजियम मुख्य आकर्षण हैं।

Updated On 2025-12-25 10:42:00 IST

लगभग 65 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैले इस स्मारक को करीब 230 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। 

लखनऊ: 25 दिसंबर 2025 को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ के वसंत कुंज योजना में निर्मित भव्य 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' का लोकार्पण करने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देखरेख में वर्ष 2022 से चल रहा इस ड्रीम प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अब पूरा हो चुका है। यह स्मारक भारतीय राजनीति के तीन प्रमुख स्तंभों अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की स्मृतियों और उनके योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए तैयार किया गया है।

65 फीट ऊंची तीन महाकाय प्रतिमाएं और शिल्प कौशल

राष्ट्र प्रेरणा स्थल का सबसे आकर्षक केंद्र यहा स्थापित तीन भव्य कांस्य प्रतिमाएं हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ये प्रतिमाएं 65-65 फीट ऊंची हैं।

प्रत्येक प्रतिमा का वजन लगभग 42 टन है और इन्हें काफी ऊंचे आधार पर स्थापित किया गया है, ताकि ये दूर से ही नजर आ सकें। इन प्रतिमाओं को तैयार करने में देश के प्रख्यात मूर्तिकारों की कला का उपयोग किया गया है, जो इस स्थल को एक गौरवशाली स्वरूप प्रदान करती हैं।

कमल की आकृति वाला डिजिटल म्यूजियम और लागत

लगभग 65 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैले इस स्मारक को करीब 230 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यहा एक अत्याधुनिक डिजिटल संग्रहालय बनाया गया है, जो ऊपर से देखने पर भाजपा के प्रतीक 'कमल' के आकार का दिखाई देता है।

करीब 6,300 वर्ग मीटर में बने इस संग्रहालय के भीतर तीनों महापुरुषों के जीवन, उनके आदर्शों और राष्ट्र निर्माण में उनके संघर्षों को आधुनिक तकनीक और 3D ऑडियो-विजुअल गैलरी के जरिए प्रदर्शित किया गया है।

दो लाख की क्षमता वाला रैली ग्राउंड और जनसुविधाएं

लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इस स्थल को भविष्य की बड़ी जनसभाओं के केंद्र के रूप में भी विकसित किया है। यहा एक विशाल रैली स्थल बनाया गया है, जिसमें एक साथ करीब 1.5 से 2 लाख लोग इकट्ठा हो सकते हैं। इसके साथ ही परिसर में ओपन-एयर एम्फीथिएटर, विपश्यना योग केंद्र, हेलीपैड और पर्यटकों के लिए आधुनिक कैफेटेरिया जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं तैयार की गई हैं।

गोमती नदी के किनारे स्थित होने के कारण यहा की गई लाइटिंग और लैंडस्केपिंग इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाती है।

सुशासन दिवस और वैचारिक विरासत का सम्मान

चूंकि आज पूरा देश 'सुशासन दिवस' मना रहा है, इसलिए आज के दिन प्रधानमंत्री द्वारा इस स्मारक का लोकार्पण करना विशेष महत्व रखता है। यह स्थल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं के लिए एक शोध और प्रेरणा केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।

लोकार्पण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसमें वे अटल जी की विरासत और उत्तर प्रदेश के विकास की नई गाथा पर चर्चा करेंगे।


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