लव जिहाद: KGMU लखनऊ में पहचान छुपाकर शोषण, धर्म परिवर्तन का दबाव; हिंदू महिला डॉक्टर ने की आत्महत्या की कोशिश

लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में रेजिडेंट डॉक्टर पर महिला सहकर्मी से धोखा, शोषण और धर्मांतरण का दबाव डालने का आरोप। पीड़िता ने आत्महत्या की कोशिश की, आरोपी सस्पेंड।

Updated On 2025-12-24 14:40:00 IST

रमीज पहले से ही दो शादियां कर चुका है और उसकी पत्नियों के साथ भी उसके संबंध विवादित रहे हैं।

लखनऊ: लखनऊ की प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी इन दिनों एक शर्मनाक और गंभीर आपराधिक मामले की वजह से चर्चा में है। यहा पैथोलॉजी विभाग के एक रेजिडेंट डॉक्टर रमीज मलिक पर अपनी सहकर्मी हिंदू महिला डॉक्टर को प्रेम जाल में फंसाकर उसका शारीरिक, मानसिक और धार्मिक शोषण करने का आरोप लगा है।

दो शादियां पहले ही कर चुके आरोपी ने खुद को कुंवारा बताकर पीड़िता को अंधेरे में रखा और जब राज खुला, तो उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाना शुरू कर दिया।

ब्लैकमेलिंग और प्रताड़ना से तंग आकर पीड़िता ने आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम उठाया, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया है।

धोखे की बुनियाद और पहचान छुपाने का षड्यंत्र

इस पूरे प्रकरण की शुरुआत डॉ. रमीज मलिक द्वारा अपनी असलियत छुपाने से हुई। आरोपी ने पीड़िता से मेल-जोल बढ़ाते समय खुद को पूरी तरह अविवाहित बताया था। पीड़िता का आरोप है कि रमीज ने न केवल अपनी वैवाहिक स्थिति छुपाई, बल्कि खुद को एक उदारवादी व्यक्ति के रूप में पेश कर उसे प्रेम जाल में फंसाया।

काफी समय बीतने के बाद जब पीड़िता को उसकी असलियत पर संदेह हुआ, तो उसने अपने स्तर पर खोजबीन की। जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि रमीज पहले से ही दो शादियां कर चुका है और उसकी पत्नियों के साथ भी उसके संबंध विवादित रहे हैं।

धर्मांतरण की शर्त और ब्लैकमेलिंग का जाल

जैसे ही आरोपी की पोल खुली, उसने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। जब महिला डॉक्टर ने शादी का दबाव बनाया, तो डॉ. रमीज ने स्पष्ट कह दिया कि निकाह तभी संभव है जब वह अपना धर्म बदलकर इस्लाम स्वीकार कर ले।

पीड़िता द्वारा इनकार करने पर आरोपी ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। आरोप है कि उसने पीड़िता की कुछ निजी तस्वीरें और वीडियो बना लिए थे, जिन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर वह लगातार उसे ब्लैकमेल करता रहा।

इस दौरान पीड़िता का शारीरिक शोषण भी जारी रहा और विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकियां दी गईं।

प्रताड़ना की पराकाष्ठा और आत्महत्या का प्रयास

यह मामला तब और भी वीभत्स हो गया जब पीड़िता को पता चला कि वह गर्भवती है। आरोप के मुताबिक, डॉक्टर रमीज ने शादी से साफ मना कर दिया और पीड़िता को नशीली दवाएं देकर जबरन उसका गर्भपात करा दिया।

इस घटना ने महिला डॉक्टर को गहरे अवसाद में धकेल दिया। ब्लैकमेलिंग और बार-बार के अपमान से टूटकर पीड़िता ने बीते दिनों भारी मात्रा में नींद की गोलियां खा लीं।

उसे गंभीर हालत में केजीएमयू के ही ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहाँ उसकी जान तो बच गई, लेकिन इस घटना ने चिकित्सा जगत में हड़कंप मचा दिया।

पुलिस की कार्रवाई और विश्वविद्यालय का सख्त रुख

घटना के सार्वजनिक होते ही उत्तर प्रदेश सरकार और केजीएमयू प्रशासन सख्त हो गया है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर चौक थाने में डॉ. रमीज के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

केजीएमयू के कुलपति ने आरोपी डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है और विशाखा समिति को मामले की आंतरिक जांच सौंप दी गई है। आरोपी फिलहाल फरार है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है।

हिंदू संगठनों ने भी इस मामले को 'लव जिहाद' का संगठित रूप बताते हुए आरोपी के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाने की मांग की है।

मुख्यमंत्री का पीड़िता को आश्वासन और सख्त निर्देश

​इस संवेदनशील मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित महिला डॉक्टर से बात की और उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में किसी भी बेटी के साथ अन्याय और पहचान छुपाकर किया जाने वाला शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि पीड़िता को हर संभव चिकित्सा सहायता और सुरक्षा प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद ही आरोपी डॉ. रमीज को तत्काल निलंबित किया गया और केजीएमयू परिसर में उसकी एंट्री बैन कर दी गई है।

​धर्मांतरण के 'सिंडिकेट' की जांच शुरू

​पीड़िता ने मुख्यमंत्री के सामने यह गंभीर आरोप लगाया है कि डॉ. रमीज अकेले इस कृत्य में शामिल नहीं है, बल्कि केजीएमयू परिसर में एक संगठित गैंग सक्रिय है जो भोली-भाली छात्राओं और महिला डॉक्टरों को निशाना बनाकर धर्मांतरण की गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

पीड़िता के अनुसार, आरोपी रमीज इस सिंडिकेट का हिस्सा है जो सुनियोजित तरीके से 'लव जिहाद' जैसे कृत्यों को बढ़ावा दे रहा है। मुख्यमंत्री ने इन आरोपों को बेहद गंभीरता से लिया है और केजीएमयू प्रशासन से इस संभावित गैंग के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

​पुलिस और एसटीएफ की सक्रियता

​मामले की संवेदनशीलता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केजीएमयू की साख को देखते हुए, जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। लखनऊ पुलिस की टीमों के साथ-साथ अब विशेष कार्य बल भी इस मामले के इनपुट खंगाल रही है।

पुलिस ने आरोपी डॉ. रमीज के खिलाफ चौक थाने में आईपीसी और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है।

आरोपी के उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है ताकि उसे जल्द से जल्द कानून के शिकंजे में लाया जा सके।

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