यूपी पंचायत चुनाव: मतदाता सूची में सुधार का आखिरी मौका, जानें पूरा शेड्यूल

मतदाता सूची में सभी विसंगतियों को दूर करने के बाद 14 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा।

Updated On 2025-12-24 10:07:00 IST

मतदाता अपनी आपत्तियों को दर्ज कराने के लिए 7 फरवरी 2026 तक का समय पाएंगे।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने 2026 में होने वाले पंचायत चुनावों के लिए मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, मतदाता सूची का ड्राफ्ट पब्लिकेशन दिसंबर 2025 के अंत में किया जा रहा है, जिसके बाद दावे और आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी।

इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य फर्जी वोटिंग को रोकना और सूची को पूरी तरह पारदर्शी बनाना है। आयोग ने इस बार तकनीकी सुधारों पर जोर देते हुए 'स्टेट वोटर नंबर' जैसा नया सिस्टम भी लागू किया है।

मतदाता सूची का प्रकाशन और सुधार की अवधि

राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, पंचायत चुनाव की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रकाशन 23 दिसंबर 2025 को किया गया है। मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने या किसी भी प्रकार के संशोधन के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का समय निर्धारित कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के निवासी अब अपनी ग्राम पंचायत की सूची में नाम चेक कर सकते हैं और यदि कोई विसंगति है, तो निर्धारित समय सीमा के भीतर बीएलओ के पास या ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।

7 फरवरी तक आपत्तियां और 14 फरवरी को अंतिम सूची

मतदाता अपनी आपत्तियों को दर्ज कराने के लिए 7 फरवरी 2026 तक का समय पाएंगे। इस दौरान प्राप्त सभी दावों और आपत्तियों का निस्तारण जिला प्रशासन और निर्वाचन अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।

पूरी जांच और शुद्धिकरण के बाद, यूपी पंचायत चुनाव की अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। इसी सूची के आधार पर तय होगा कि आने वाले पंचायत चुनाव में कौन मतदान कर सकेगा।

फर्जी वोटिंग रोकने के लिए 'स्टेट वोटर नंबर'

इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। लगभग 90.76 लाख डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान कर उन्हें सूची से हटाने की प्रक्रिया चल रही है।

इसके साथ ही, प्रत्येक मतदाता को एक 'यूनिक स्टेट वोटर नंबर' आवंटित किया जा रहा है। यह नंबर न केवल फर्जी मतदान को रोकेगा बल्कि एक ही व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग ग्राम पंचायतों में होने की संभावना को भी खत्म कर देगा।

बीएलओ और ऑनलाइन माध्यम से मिलेगी मदद

मतदाता सूची में नाम चेक करने के लिए नागरिक राज्य निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा 'बीएलओ आपके द्वार' अभियान के तहत बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर भी सत्यापन कर रहे हैं।

यदि किसी पात्र व्यक्ति का नाम छूट गया है, तो वह फॉर्म-6 भरकर अपना नाम जुड़वा सकता है। मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम काटने के लिए भी इसी अवधि में आवेदन करना अनिवार्य है।

Tags:    

Similar News