कफ सिरप कांड: मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क पर ED का बड़ा प्रहार, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की कोठी पर छापेमारी
कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट के खिलाफ ED ने लखनऊ, वाराणसी, रांची समेत छह शहरों के 25 ठिकानों पर छापेमारी की। बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की कोठी भी निशाने पर थी।
जांच एजेंसियों को इस सिंडिकेट में नेपाल और बांग्लादेश तक कफ सिरप की तस्करी के सबूत मिले हैं।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित कोडाइन-आधारित कफ सिरप की अवैध तस्करी से जुड़े विशाल सिंडिकेट के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है।
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत जांच करते हुए, ED की टीमों ने लखनऊ, वाराणसी, रांची, अहमदाबाद, जौनपुर और सहारनपुर समेत छह शहरों में सिंडिकेट से जुड़े 25 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापा मारा।
यह कार्रवाई अवैध कारोबार से अर्जित एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच पर केंद्रित है।
लखनऊ में, कफ सिरप तस्करी मामले के आरोपी और हाल ही में गिरफ्तार बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की आलीशान कोठी भी ED के निशाने पर रही।
वित्तीय लेन-देन और हवाला रूट की गहन जांच
प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य कफ सिरप की तस्करी से होने वाले अवैध मुनाफे के वित्तीय लेन-देन, हवाला रूट और विदेश लिंक को उजागर करना है।
जांच एजेंसी को आशंका है कि इस अवैध कारोबार से अर्जित अवैध धन का इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने, फर्जी बिलिंग के माध्यम से लाभ को छिपाने और शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है।
छापेमारी के दौरान, ED की टीमों ने संदिग्ध दस्तावेज, बैंक लेन-देन से जुड़ी फाइलें, डिजिटल डिवाइस और अन्य रिकॉर्ड जब्त किए हैं, जो कथित हवाला लेन-देन और अवैध संपत्तियों से जुड़े हो सकते हैं।
इस सिंडिकेट का मुख्य सरगना वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल बताया जाता है, जो फिलहाल दुबई में फरार है। ED की छापेमारी शुभम के सहयोगियों, आपूर्तिकर्ता फार्मा कंपनियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट के ठिकानों पर केंद्रित है।
लखनऊ में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह का कनेक्शन
कफ सिरप सिंडिकेट से जुड़े प्रमुख आरोपियों में से एक, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह, ED की रडार पर शुरू से ही था। लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में आलोक सिंह की आलीशान कोठी पर ED ने तलाशी अभियान चलाया।
आलोक सिंह को हाल ही में यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आलोक सिंह की गिरफ्तारी के बाद उसके तार पूर्वांचल के कुछ बाहुबली नेताओं से जुड़े होने की बात भी सामने आई है।
इस अवैध व्यापार को राजनीतिक संरक्षण मिलने की आशंका के चलते यह मामला और भी गंभीर हो गया है। आलोक सिंह को पहले भी एक सोना लूटकांड में आरोपी बनाया गया था और 2019 में उसे एसटीएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।
छह शहरों में व्यापक नेटवर्क और सिंडिकेट का विस्तार
ED की यह छापेमारी दर्शाती है कि अवैध कफ सिरप का यह कारोबार केवल एक शहर तक सीमित नहीं था, बल्कि एक व्यवस्थित आपराधिक नेटवर्क के रूप में कई राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं तक फैला हुआ था। उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, जौनपुर और सहारनपुर के साथ-साथ झारखंड की राजधानी रांची और गुजरात के अहमदाबाद में भी छापेमारी हुई है।
इससे पता चलता है कि अवैध कफ सिरप की आपूर्ति श्रृंखला और वित्तीय लेनदेन के तार इन सभी स्थानों से जुड़े थे। जांच एजेंसियों ने इस सिंडिकेट द्वारा नेपाल और बांग्लादेश तक कफ सिरप की तस्करी किए जाने के सबूत पाए हैं।
मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद, अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह सहित अब तक 32 से अधिक लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
सहारनपुर में विभोर राणा, विशाल सिंह और अभिषेक शर्मा के ठिकानों पर रेड
प्रवर्तन निदेशालय की ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई उत्तर प्रदेश के सहारनपुर शहर तक भी फैली है, जहां कोडीन युक्त कफ सिरप मामले में शामिल प्रमुख आरोपियों के घरों पर रेड जारी है। ED की टीम यहा विभोर राणा, विशाल सिंह और अभिषेक शर्मा के घरों पर तलाशी ले रही है।
इस अवैध सिंडिकेट के नेटवर्क से जुड़े कुल आठ लोगों की गिरफ्तारी अब तक हो चुकी है, जिनमें से छह आरोपी सहारनपुर के ही रहने वाले हैं। पूर्व में, यूपी एसटीएफ ने इस मामले में विभोर राणा, विशाल सिंह, सचिन और बिट्टू को पकड़ा था।
ईडी इस कार्रवाई को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सुरक्षा के बीच अंजाम दे रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि एजेंसी इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है।