यूपी डिफेंस कॉरिडोर ने भरी उड़ान: 2000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण, 35 हज़ार करोड़ का निवेश और 52 हज़ार नौकरियां

उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) तेजी से साकार हो रहा है। 62 कंपनियों को 977 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है, जिससे 11,997 करोड़ का निवेश हुआ है।

Updated On 2025-12-13 14:56:00 IST

लखनऊ : योगी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अब ज़मीन पर उतर चुकी है। देश को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के 'मेक इन इंडिया' विजन के तहत शुरू की गई इस योजना ने अभूतपूर्व प्रगति की है।

अब तक 62 कंपनियों को भूमि आवंटित हो चुकी है, जिसके माध्यम से लगभग 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश और 52 हजार से अधिक नौकरियां सृजित होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

यूपी अब रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों को कड़ी चुनौती देने को तैयार है।

34,844 करोड़ का निवेश और 52,658 नौकरियों का अनुमान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रिय मॉनिटरिंग के कारण कॉरिडोर की प्रगति तेज़ी से हो रही है। अब तक कुल 197 समझौता ज्ञापन साइन हो चुके हैं, जिनमें 172 औद्योगिक एमओयू शामिल हैं।

इन एमओयू के तहत प्रदेश में कुल 34,844.49 करोड़ रुपये का प्रस्तावित निवेश आना है, जिससे 52,658 नौकरियां सृजित होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त, अगले चरण में 110 से अधिक कंपनियों के साथ एमओयू की प्रक्रिया पाइपलाइन में है। इन प्रस्तावित इकाइयों से भी 22,847 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश और 38,000 से अधिक रोजगार सृजन की संभावना है।

62 कंपनियों को 977 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित

UPDIC परियोजना के तहत भूमि आवंटन में तेज़ी आई है। अब तक 62 कंपनियों को 977.54 हेक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित की जा चुकी है, जिसके परिणामस्वरूप 11,997.45 करोड़ रुपये का निवेश और 14,256 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन का रास्ता साफ हुआ है। UPEIDA ने कॉरिडोर के 6 नोड्स (अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट और आगरा) में कुल 2,097 हेक्टेयर से अधिक भूमि को मंजूरी दी है।

इसमें से 2,040 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है, और वर्तमान में आवंटन के लिए 1,598.92 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है।

ब्रह्मोस जैसी बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की स्थापना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "एक जिला-एक उत्पाद" और "मेक इन इंडिया" के साथ कॉरिडोर को जोड़ने के विजन से यह परियोजना वैश्विक हब बनने की ओर अग्रसर है। लखनऊ नोड में ब्रह्मोस मिसाइल जैसे बड़े प्रोजेक्ट की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित हो चुकी है, जो इसकी रणनीतिक अहमियत को बहुत बढ़ाती है।

यूपीडा के एसीईओ एचपी शाही के अनुसार, यह कॉरिडोर उत्तर प्रदेश को 'ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी' के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

अलीगढ़ में सबसे ज्यादा कंपनियां, कानपुर में सर्वाधिक जमीन आवंटित

कॉरिडोर के विभिन्न नोड्स में प्रगति देखने को मिली है। नोड-वार आवंटन के आंकड़े बताते हैं कि अलीगढ़ में सबसे ज्यादा 24 कंपनियों को भूमि आवंटित की गई है। वहीं, कानपुर नोड में सबसे अधिक 210 हेक्टेयर जमीन 5 कंपनियों को आवंटित की गई है। झांसी में 17 कंपनियों को 571 हेक्टेयर और लखनऊ में 16 कंपनियों को 131 हेक्टेयर से अधिक भूमि दी जा चुकी है।

चित्रकूट, अलीगढ़ फेज-2 और आगरा नोड में भी जल्द ही भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।

रक्षा उत्पादन में गुजरात और तमिलनाडु को कड़ी टक्कर

यूपी डिफेंस कॉरिडोर की तेज़ी ने प्रदेश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में गुजरात और तमिलनाडु जैसे स्थापित राज्यों को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में ला दिया है।

35 हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावित निवेश और 52 हजार नौकरियों के लक्ष्य के साथ, यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश को रक्षा विनिर्माण का एक मजबूत और आत्मनिर्भर ग्लोबल हब बनाने के लिए तैयार है। आने वाले महीनों में और बड़ी घोषणाएं होने की प्रबल संभावना है।

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