यूपी टीईटी अभ्यर्थियों को राहत, सीएम योगी ने शुल्क बढ़ोतरी पर लगाया 'फुल स्टॉप'!

सीएम योगी ने टीईटी के आवेदन शुल्क को बढ़ाने के प्रस्ताव पर सख्त निर्देश देते हुए इसे मंजूरी देने से साफ इनकार कर दिया है। इस फैसले से लाखों उम्मीदवारों को आर्थिक बोझ से मुक्ति राहत मिलेगा।

Updated On 2025-09-21 09:28:00 IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीईटी के आवेदन शुल्क को बढ़ाने के प्रस्ताव पर सख्त निर्देश देते हुए इसे मंजूरी देने से साफ इनकार कर दिया है। इस फैसले से लाखों उम्मीदवारों को आर्थिक बोझ से मुक्ति मिली है, क्योंकि आयोग ने मौजूदा शुल्क को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया था।

योगी का कड़ा रुख और अभ्यर्थियों को राहत

टीईटी परीक्षा आयोजित करने वाले शिक्षा सेवा चयन आयोग ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के लिए आवेदन शुल्क में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव शासन को भेजा था। वर्तमान में यह शुल्क 600 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 1700 रुपये करने की योजना थी। अगर यह प्रस्ताव पास हो जाता तो दोनों स्तरों की परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को 1200 रुपये की जगह 3400 रुपये चुकाने पड़ते। इसकी जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए कि शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। उन्होंने इस कदम को छात्रों के हित में बताते हुए आयोग के प्रस्ताव पर नाराजगी जाहिर की।

शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव और उसकी वजह

शिक्षा सेवा चयन आयोग ने परीक्षा की लागत, तकनीकी खर्च और अन्य प्रशासनिक व्ययों को देखते हुए शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया था। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब किसी भर्ती परीक्षा के शुल्क में बढ़ोतरी की बात हुई हो, लेकिन मुख्यमंत्री का हस्तक्षेप यह दिखाता है कि सरकार छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव नहीं डालना चाहती है, खासकर ऐसे समय में जब सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों के लिए टीईटी को अनिवार्य कर दिया है। आयोग की यह तैयारी थी कि टीईटी आवेदन शुल्क 600 रुपये से बढ़ाकर 1700 रुपये किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर और परीक्षा की हलचल

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए भी टीईटी को अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले के बाद उन हजारों शिक्षकों पर दबाव बढ़ गया है, जिन्होंने अभी तक टीईटी पास नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद शिक्षा सेवा चयन आयोग में भी हलचल तेज हो गई है। आयोग ने परीक्षा की तारीखें भी प्रस्तावित की हैं, जिसके तहत परीक्षा 29 और 30 जनवरी को आयोजित हो सकती है। इस नए आदेश के बाद टीईटी देने वाले उम्मीदवारों की संख्या में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, क्योंकि अब न सिर्फ नए उम्मीदवार बल्कि पहले से कार्यरत शिक्षक भी परीक्षा में शामिल होंगे।

सरकार ने दाखिल की है रिवीजन याचिका

टीईटी की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग को इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक 'रिवीजन याचिका' दाखिल किया है। सरकार का तर्क है कि राज्य में वर्षों से पढ़ा रहे अनुभवी शिक्षकों की योग्यता और सेवा को नजरअंदाज करना सही नहीं है।

यह कदम उन हजारों पुराने शिक्षकों को राहत देने के लिए उठाया गया है, जिनकी नौकरी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तलवार लटक रही थी। सरकार चाहती है कि पुराने शिक्षकों को इस अनिवार्यता से कुछ राहत मिले। मुख्यमंत्री योगी के इस फैसले से जहां टीईटी आवेदन शुल्क नहीं बढ़ेगा, वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। आयोग ने 29 और 30 जनवरी को परीक्षा की तारीखें प्रस्तावित की हैं। 

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