गांव के पास दो दर्जन हाथियों का डेरा: इन्हें करंट से बचाने कर दी गई लाइट बंद, दहशतजदा ग्रामीण रतजगा को मजबूर
सीतापुर में वन विभाग द्वारा हाईकोर्ट के आदेश पर हाथी प्रभावित क्षेत्रों की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई है, इससे लोगों की जान पर संकट बन आई है।
सीतापुर में वन विभाग द्वारा हाईकोर्ट के आदेश पर हाथी प्रभावित क्षेत्रों की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई है
अनिल उपाध्याय- सीतापुर। छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के सीतापुर क्षेत्र के घने जंगलों में 24 सदस्यीय जंगली हाथियों का दल बीते पखवाड़े से डेरा जमाए हुए है, जिससे आसपास के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। वन विभाग द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में हाथी प्रभावित क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है, जिससे ग्रामीणों को घुप्प अंधेरे में रतजगा कर रातें बितानी पड़ रही हैं।
खेतों और सब्जियों को भारी नुकसान
जंगली हाथियों ने अब तक किसी इंसान या मकान को नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन खेतों में खड़ी धान की फसल और सब्जियों को बर्बाद कर दिया है। बोड़ाझरिया, ढोढागांव, सिहारजोर और घासीडीह के जंगलों में विचरण कर रहा यह दल पांच नर, सोलह मादा और चार शावकों से मिलकर बना है।
अंधेरे से बढ़ा डर, लोगों ने छोड़े गांव
हाथियों की मौजूदगी की सूचना पर वन विभाग बिजली विभाग को सूचना देकर आपूर्ति बंद करवा देता है ताकि बीते वर्षों जैसी घटनाएं न दोहराई जाएं, जब बिजली के करंट से हाथियों की मौत हो गई थी। लेकिन इस आदेश से इंसानी जीवन खतरे में पड़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली कटते ही गांव में सन्नाटा और अंधेरा छा जाता है, जिससे लोगों को शौच या किसी अन्य कार्य के लिए घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। कई परिवार सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर चुके हैं।
घर में रहें तो मरे, बाहर निकले तो मौत तय – ग्रामीण
ग्रामीण बुद्धनाथ, मनबहाल राम, कुंदन दास और रामजीत सिंह का कहना है कि बिजली कटौती से लोग जंगल के बीच मौत के साये में जीने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि खपरैल वाले कच्चे मकानों में रह रहे ग्रामीणों को डर सता रहा है कि यदि हाथी रात में हमला कर दे, तो अंधेरे में भागने का भी कोई रास्ता नहीं होगा।
हुकिंग के कारण हाथी बिजली की चपेट में आ जाते थे
वन परिक्षेत्राधिकारी विजय कुमार तिवारी ने बताया कि, ग्रामीण क्षेत्रों में हुकिंग के कारण हाथी बिजली की चपेट में आ जाते थे। इसे रोकने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर बिजली सप्लाई बंद की जाती है। इससे जंगली हाथियों की मौतों में कमी आई है, लेकिन इंसानी जीवन के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने बताया कि फसल नुकसान का सर्वेक्षण किया जा रहा है और प्रभावित किसानों को जल्द मुआवजा दिया जाएगा। वन विभाग के अनुसार, हाथी प्रभावित क्षेत्रों में अमला तैनात है और ग्रामीणों को जंगल में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। जहां एक ओर हाईकोर्ट के आदेश के पालन में वन्यजीवों की रक्षा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय ग्रामीणों की सुरक्षा और जीवनशैली पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है। अब आवश्यकता है एक संतुलित नीति की, जिसमें मानव और वन्यजीव दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।