कोटा: पार्वती नदी में नहाने गए चार युवक बहे, एक का मिला शव; तीन की तलाश जारी

कोटा के खातोली में पार्वती नदी में नहाने गए 7 में से 4 युवक बहे, 1 का शव मिला, 3 की तलाश जारी। SDRF की टीम सर्च ऑपरेशन में जुटी।

Updated On 2025-09-22 16:39:00 IST

Rajasthan: राजस्थान के कोटा जिले में स्थित इटावा उपखंड के खातोली थाना क्षेत्र में सोमवार को दर्दनाक हादसा हो गया। छूवारी धाम के पास पार्वती नदी में नहाने गए सात में से चार युवक तेज बहाव में बह गए। घटना के बाद प्रशासन और ग्रामीणों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया, जिसमें अब तक एक युवक का शव बरामद कर लिया गया, जबकि तीन अन्य युवकों की तलाश अब भी जारी है।

घटना उस समय हुई जब खातोली क्षेत्र के रहने वाले सात युवक सोमवार को छूवारी धाम घूमने और नदी में नहाने के लिए पहुंचे थे। नहाते समय पानी का बहाव तेज हो गया और सोनू सुमन (17), मोहित सुमन (18), अशफाक (17) और आयुष गुर्जर (16) नदी की धार में बह गए। अन्य तीन युवक किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे।

एक शव बरामद, बाकी की तलाश जारी

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों, पुलिस और प्रशासनिक टीमों ने मौके पर पहुंचकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। कुछ घंटों की मशक्कत के बाद एक युवक का शव नदी से बाहर निकाल लिया गया है। बाकी तीन लापता युवकों की तलाश के लिए कोटा से SDRF की टीम को बुलाया गया है, जो राहत कार्य में जुट गई है।

मौके पर पहुंचे अधिकारी

जैसे ही हादसे की जानकारी प्रशासन को मिली, इटावा डीएसपी शिवम जोशी, थाना खातोली की पुलिस टीम, और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। नदी के किनारे घटना स्थल पर सैकड़ों ग्रामीण एकत्र हो गए हैं और अपने स्तर पर भी खोजबीन में जुटे हुए हैं।

घटना के बाद से खातोली और आसपास के गांवों में शोक का माहौल है। लापता युवकों के परिजनों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। ग्रामीणों ने प्रशासन से नदी किनारे सुरक्षा इंतजामों और चेतावनी बोर्ड लगाने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।

नदी में सावधानी जरूरी

पार्वती नदी और आसपास के धामों पर हर साल बड़ी संख्या में लोग पिकनिक व धार्मिक कारणों से पहुंचते हैं। विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि मानसून के मौसम में नदी में नहाना बेहद खतरनाक हो सकता है, क्योंकि कभी भी जलस्तर अचानक बढ़ सकता है। इसके साथ ही प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील है कि वे बरसात के मौसम में नदियों व झरनों में नहाने से बचें और बच्चों या किशोरों को अकेले जाने न दें। जिम्मेदार पर्यटन और धार्मिक यात्राएं ही सुरक्षित यात्राएं होती हैं।

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