Rajasthan News: पुरुषों के भेष में महिलाओं ने श्रद्धा से निभाई 'धाड' परंपरा, कुछ देर में झमाझम बरसात

Rajasthan News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की महिलाओं ने भगवान को याद करते हुए अच्छी बारिश की कामना करते हुए पारंपरिक धाड़ यात्रा निकाली।

Updated On 2024-08-24 13:51:00 IST
महिलाओं ने निकाली धाड परंपरा

Rajasthan News: कहा जाता है कि सच्चे मन से ईश्वर को ढूंढने पर वह दर्शन दे जाते हैं। ईश्वर भी अपने भक्त की परेशानियों को ज्यादा देर तक नहीं देखते और वह स्वयं किसी न किसी रूप में प्रकट होकर उसे दूर करते हैं। इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला जब राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की महिलाओं ने भगवान को याद करते हुए अच्छी बारिश की कामना करते हुए 'धाड' परंपरा को श्रद्धा से निभाया और कुछ देर में अच्छी बरसात शुरु हो गई।

100 साल पुरानी परंपरा
जानकारी के अनुसार राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के टामटिया क्षेत्र में इस साल बारिश बहुत कम होने से ग्रामीण खेती किसानी से दूर हो रहे है। इस क्षेत्र में बारिश नहीं होने पर यहां की महिलाओं ने अपनी 100 साल पुरानी परंपरा को अपनाया। महिलाओं ने शुक्रवार के दिन जब धाड परंपरा शुरू की तो इसके कुछ ही देर बाद अच्छी बारिश हो गई। बारिश में भीगते हुए महिलाओं ने समूह में नृत्य कर बरसात का आनंद लिया।

इंद्रदेव की कृपा से फसलें तैयार होंगी
टामटिया क्षेत्र की महिलाएं जब एक साथ सड़कों पर निकली तो जो लोग इस परंपरा से अंजान थे, वह डर गए। महिलाओं के हाथो में लाठी डंडे देख कर लोग कुछ समझ नहीं पाए। इस क्षेत्र में अधिकतर लोग किसानी के माध्यम से अपना जीवन यापन करते हैं। बारिश के सीजन में लोगों को उम्मीद होती है कि इंद्रदेव की कृपा से फसलें तैयार होंगी, जिससे कि उनके परिवार का भरण पोषण हो सकेगा।

पुरुषों की तरह वस्त्र और शस्त्र
राजस्थान में धाड परंपरा का इतिहास 100 साल पुराना है। परंपरा को यहां की महिलाएं निभाती है, इस परंपरा के अनुसार सूखा पड़ने और अच्छी बारिश नहीं होने पर महिलाएं सफेद पोशाक जिसमें पुरुषों की तरह धोती, कुर्ता और पगड़ी पहनकर, हाथ में तलवार और लट्ठ लेकर समूह में गांव से बाहर निकलती हैं। लोकगीत गाते हुए महिलाएं मंदिर तक पहुंचती हैं और पूजा पाठ करते हुए ईश्वर से अच्छी बारिश की कामना करते हुए नृत्य करती हैं।

Similar News