RSSB: कर्मचारी चयन बोर्ड का बड़ा फैसला, सरकारी भर्ती परीक्षाओं को लेकर लिया एक्शन; किए बड़े बदलाव 

RSSB: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने कहा कि अब आवेदन करते समय ही आवेदक को डिग्री, मार्कशीट और अन्य प्रमाण पत्रों की जानकारी देनी होगी।

Updated On 2025-02-23 14:21:00 IST
Rajasthan Staff Selection Board

RSSB: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने भर्ती परीक्षाओं में आवेदन को लेकर बड़ा बदलाव किया है। बोर्ड के अनुसार आवेदन करते समय ही आवेदक को डिग्री, मार्कशीट और अन्य प्रमाण पत्रों की जानकारी देनी होगी। क्योंकि आवेदन करने के बाद अपलोड होने का मौका नहीं मिलेगा। अगर आवेदन के समय मांगी गई जानकारी नहीं दी जाती है तो अभ्यर्थी को अपात्र माना जाएगा।

बता दें, बोर्ड ने इसकी शुरुआत भर्ती परीक्षाओं में फर्जी डिग्रियों को रोकने के लिए की है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें पहले अभ्यर्थियों के पास डिग्री नहीं होती थी फिर भी गलत जानकारी देकर आवेदन कर देते थे। हालांकि बाद में बोर्ड की ओर से दस्तावेज सत्यापन से पहले पोर्टल पर करेक्शन का मौका दिया जाता था। ऐसे में अगर अभ्यर्थी प्रतियोगी परीक्षा में पास हो जाते तो वे फर्जी डिग्री लेकर जाते और करेक्शन में डिग्री की जानकारी देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।

ये भी पढ़ें: जयपुर के इन कस्बों की चमकेगी किस्मत: 405 करोड़ रुपए की लागत से बनेंगे बायपास, गांवों की बदल जाएगी कायाकल्प

दिव्यांग प्रमाण पत्र के कई मामले सामने आ चुके
RSSB ने दिव्यांग कैटेगरी के छात्रों के लिए भी नियम में बदलाव किया है। जिसके तहत छात्र यदि दिव्यांग कैटेगरी में आवेदन कर रहे हैं और किसी कारणवश उसमें अपात्र पाए गए तो उन्हें अन्य कैटेगरी में शामिल नहीं किया जाएगा। क्योंकि RSSB की जांच में कई फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के मामले सामने आ चुके हैं।

दिव्यांग प्रमाण पत्र की हो जांच
RSSB को दिए गए प्रमाण पत्र में अभ्यर्थी 50 प्रतिशत दिव्यांग हैं। जबकि जांच की गई तो अभ्यर्थी केवल 15 प्रतिशत ही दिव्यांग मिले। जिसके बाद से प्रमाण पत्रों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बोर्ड ने ऐसे अभ्य​​र्थियों को अब अपात्र माना है। साथ ही बोर्ड ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख गलत प्रमाण पत्र पर रोक लगाने की बात कही है।

आवेदन के समय ही डिग्री की देनी होगी जानकारी
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन अलोक राज ने बताया कि अब आवेदन के समय ही अभ्यर्थियों को डिग्री की जानकारी देनी होगी। इससे पहले सभी दस्तावेज सत्यापन के समय मांगा जाता था। ऐसे में अभ्यर्थियों को फर्जीवाड़ा करने का मौका और समय मिल जाता था।

Similar News