जैसलमेर-जोधपुर बस अग्निकांड: इस वजह से लगी चलती बस में भीषण आग, जांच में बड़ा खुलासा
जैसलमेर बस हादसे की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। बस में अवैध रूप से पटाखे ले जाए जा रहे थे, जिनमें विस्फोट के कारण आग लगी और बस जलकर खाक हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
Jaisalmer Bus Fire: जैसलमेर-जोधपुर मार्ग पर हुई दर्दनाक बस दुर्घटना के मामले में अब बड़ा खुलासा सामने आया है। प्रशासनिक जांच में पाया गया है कि जिस निजी बस में मंगलवार को आग लगी, उसमें पटाखों का अवैध परिवहन किया जा रहा था। अधिकारियों के अनुसार, इन्हीं पटाखों में अचानक विस्फोट या चिंगारी से पूरी बस कुछ ही मिनटों में आग की लपटों में घिर गई।
यह हादसा न केवल यात्रियों की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि पटाखों के खतरनाक परिवहन पर सवाल भी खड़े करता है। सवाल यह भी उठता है कि पटाखे कौन ले जा रहा था? सामान रखने से पहले चैकिंग क्यों नहीं हुई? बस में पटाखे कहां रखे थे? पटाखों में आग कैसे लगी? ऐसे बहुत सारे सवाल हैं, जिनके जवाब जल्द मिलेंगे।
बता दें कि बस में लगभग 57 यात्री सवार थे, जिनमें से 10-12 की मौत होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि 15 से अधिक लोग बुरी तरह झुलस हो गए। सभी घायलों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
घटना मंगलवार दोपहर करीब सवा तीन बजे की है। जैसलमेर से जोधपुर जा रही यह प्राइवेट बस अपने नियमित शेड्यूल के अनुसार रवाना हुई थी। बस में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग यात्री सवार थे, जो ज्यादातर दिवाली की खरीदारी या रिश्तेदारों से मिलने के लिए जा रहे थे।
हाईवे पर थैयत गांव के पास, जो जैसलमेर से महज 20 किलोमीटर दूर है, अचानक बस के पिछले हिस्से से धुआं निकलने लगा। शुरुआत में चालक ने इसे मामूली शॉर्ट सर्किट समझा, लेकिन अगले ही पल पटाखों के फटने की आवाज के साथ आग की लपटें भड़क उठीं। यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग खिड़कियां तोड़कर बाहर कूदे, तो कुछ ने दरवाजे पर धक्का-मुक्की की। आग इतनी तेज थी कि बस की बॉडी कुछ ही मिनटों में कालिख हो गई।
सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों ने फौरन रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। उन्होंने घायलों को निकालकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया और फायर ब्रिगेड को कॉल की। फायर अधिकारी पहुंचे तो आग को काबू करने में करीब आधा घंटा लग गया।
जिला प्रशासन के अनुसार, 15 घायलों को जैसलमेर के जवाहर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें तीन बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
लाठी निवासी ओमराम भील (30 वर्ष) और इमामत (30 वर्ष) व उनके बेटे यूनुस को जोधपुर के एमडीएम अस्पताल रेफर किया गया है। सेना के जवान भी नजदीकी मिलिट्री स्टेशन से पहुंचे और बचाव कार्य में मदद की।
प्रशासन ने हादसे की गहन जांच शुरू कर दी है। बस मालिक और चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया और अधिकारियों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। सूत्रों के अनुसार, सीएम कुछ ही देर में जैसलमेर पहुंचेंगे, घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे और फिर जोधपुर जाकर घायलों से मुलाकात करेंगे। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और एसीएस शिखर अग्रवाल भी हैं।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भी दुख जताते हुए कहा, "यह दर्दनाक हादसा है, भगवान मृतकों को शांति दें।"