Good News: जयपुर-किशनगढ़ हाईवे पर बनेंगे 9 नए ओवर ब्रिज, पढ़ें पूरी खबर
जयपुर-किशनगढ़ हाईवे पर बनेगा 9 नए ओवर ब्रिज और सर्विस रोड। ट्रैफिक और हादसों को कम करने के लिए NHAI ने शुरू की योजना। पढ़ें पूरी खबर।
जयपुर- किशनगढ़ एक्सप्रेसवे पर बनेंगे 9 ओवर ब्रिज। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Rajasthan: जयपुर-किशनगढ़ हाईवे पर तेजी से बढ़ते ट्रैफिक और दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने 9 नए ओवर ब्रिज बनाने की तैयारी की है। इसके साथ ही दोनों तरफ सर्विस लेन का निर्माण भी किया जाएगा। पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 800 से 1,000 करोड़ रुपए होगी।
1 लाख से ज्यादा वाहन प्रतिदिन
इस हाईवे पर प्रतिदिन लगभग 1 लाख वाहन गुजरते हैं, जिससे ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि हाल ही में 10 ओवर ब्रिज बनाए जा चुके हैं, फिर भी ब्लैक स्पॉट्स और ट्रैफिक जाम की समस्याएं बनी हुई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए डीपीआर (Detailed Project Report) तैयार की जा रही है, और वर्ष के अंत तक टेंडर जारी होने की संभावना है।
इन 9 जगहों पर बनेंगे ओवर ब्रिज
NHAI द्वारा जिन स्थानों को चिन्हित किया गया है, वे दुर्घटना संभावित क्षेत्र (Black Spots) के रूप में जाने जाते हैं। यहां अक्सर तेज रफ्तार के कारण हादसे होते हैं। नए ओवर ब्रिज में बड़ के बालाजी, नासनौदा, गिदानी, पाटन, छितरोली, गैजी, रामपुरा व अन्य दो प्रमुख स्थान शामिल हैं। इन पुलों के निर्माण से ट्रैफिक का संचालन अधिक सुचारू और सुरक्षित हो सकेगा।
हाईवे पर होंगे ये प्रमुख सुधार कार्य
- सर्विस लेन: दोनों ओर 7.5 मीटर चौड़ी सर्विस रोड बनेगी, जिससे स्थानीय ट्रैफिक को हाईवे पर न चढ़ना पड़े।
- नालियों का निर्माण: बरसात के पानी की निकासी के लिए बेहतर ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जाएगा।
- क्रैश बैरियर्स: पूरे 90 किमी के हाईवे पर सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर्स लगाए जाएंगे।
पहले इस हाईवे को आठ लेन करने की योजना थी, लेकिन निर्णय न होने के कारण 6 लेन हाईवे को अपग्रेड करने का ही प्रस्ताव पास किया गया है।
क्या मिलेगा लाभ?
- ट्रैफिक की भीड़ में कमी आएगी
- दुर्घटनाओं की संभावना घटेगी
- स्थानीय लोगों को हाईवे पर चढ़ने की आवश्यकता नहीं रहेगी
- यात्रियों की यात्रा होगी अधिक सुरक्षित और समय की बचत होगी
जयपुर-किशनगढ़ हाईवे राजस्थान के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है। यहां हर दिन भारी ट्रैफिक और बढ़ते हादसों को देखते हुए सरकार का यह कदम न सिर्फ समय की मांग है, बल्कि यह प्रदेश के विकास और सड़क सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा प्रयास भी है।