राजस्थान में ACB का बड़ा एक्शन: EO फतेह सिंह के 8 ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा
राजस्थान ACB ने EO फतेह सिंह मीणा के 8 ठिकानों पर छापा मारा। 273% आय से अधिक संपत्ति, जयपुर से अलवर तक फैली बेनामी संपत्ति का पर्दाफाश।
ACB Action in Rajasthan: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए कोटपूतली-बहरोड़ जिले की नगरपालिका पावटा-प्रागपुरा के अधिशाषी अधिकारी (EO) फतेह सिंह मीणा के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। यह रेड आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत के बाद की गई।
ACB की टीमों ने जयपुर, अलवर, शाहपुरा और विराटनगर सहित कुल 8 स्थानों पर एक साथ कार्रवाई की। इस दौरान टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और करोड़ों रुपये की संपत्तियों से जुड़े सुराग मिले हैं। ACB के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में फतेह सिंह मीणा के पास 273% आय से अधिक संपत्ति होने की पुष्टि हुई है।
करोड़ों की अवैध संपत्ति का खुलासा
ACB अधिकारियों के अनुसार, फतेह सिंह मीणा के नाम और उनके करीबियों के नाम पर कई मूल्यवान संपत्तियाँ दर्ज की गई हैं। जयपुर के जगतपुरा में करीब 1.30 करोड़ रुपये के दो लग्जरी फ्लैट, नीमकाथाना (सीकर) में 1.05 हेक्टेयर भूमि, और थानागाजी (अलवर) में एक फार्म हाउस में लगभग 80 लाख रुपये का निवेश शामिल है। इनमें से कुछ संपत्तियाँ उनके रिश्तेदारों और जानकारों के नाम पर रजिस्टर्ड हैं, जो बेनामी लेनदेन की आशंका को मजबूत करती हैं।
इन ठिकानों पर हुई छापेमारी
- जयपुर (जगतपुरा): त्रिमूर्ति एरेना स्थित दो फ्लैट्स
- अलवर (थानागाजी): भर्तृहरि तिराहा स्थित निजी निवास
- थानागाजी: गढ़ बसई गांव में फार्म हाउस
- कोटपूतली: प्रमोद कुमार वर्मा (नजदीकी व्यक्ति) का निवास
- शाहपुरा (जयपुर): अजीतगढ़ रोड पर कैलाश गुर्जर का मकान
- प्रागपुरा पावटा: ईओ फतेह सिंह का किराए का मकान
- पावटा नगर पालिका कार्यालय
- विराटनगर (जयपुर ग्रामीण): संबंधित सरकारी दफ्तर
डिजिटल और फिजिकल दस्तावेज जब्त
छापेमारी के दौरान ACB टीम को बैंक पासबुक, ज्वेलरी की रसीदें, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पेपर और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ भी मिले हैं। इन सभी दस्तावेज़ों की गहन जांच की जा रही है। ACB के अनुसार, छानबीन पूरी होने के बाद काली कमाई से अर्जित संपत्ति का विस्तृत खुलासा किया जाएगा।
आगे की कार्रवाई जारी
फतेह सिंह मीणा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। ACB अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि मामले में और भी नाम सामने आ सकते हैं, जो इस संपत्ति के लेनदेन में शामिल रहे हैं।