‘वंदे मातरम्@150’ अभियान की शुरुआत: भोपाल में CM मोहन यादव ने किया शुभारंभ, 26 नवंबर तक चलेगा आयोजन

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा-“वंदे मातरम का मूल मंत्र हमें हमेशा प्रेरित करता है। जब किसी देश में स्वतंत्रता की भावना प्रबल होती है, तो ऐसे गीत जनमानस में एक नया स्पंदन पैदा करते हैं।

Updated On 2025-11-07 13:08:00 IST

भोपाल। वंदे मातरम गान के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के इस अमर गीत को पूरे 150 साल पूरे हो गए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर भाजपा पूरे देश और प्रदेश में इसे उत्सव के रूप में मना रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के शौर्य स्मारक और भाजपा के प्रदेश कार्यालय से वंदे मातरम के मूल स्वरूप में सामूहिक गायन अभियान की शुरुआत की।

इस कार्यक्रम में मंत्री कृष्णा गौर, विश्वास सारंग, सांसद आलोक शर्मा, विधायक भगवानदास सबनानी, रामेश्वर शर्मा, महापौर माली श्री राय, एसीएस अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह, डीजीपी कैलाश मकवाना, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल और भोपाल पुलिस कमिश्नर हरि नारायण चारी मिश्रा मौजूद रहे।

‘वंदे मातरम’ सिर्फ गीत नहीं, देशभक्ति का मंत्र है- सीएम मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा-“वंदे मातरम का मूल मंत्र हमें हमेशा प्रेरित करता है। जब किसी देश में स्वतंत्रता की भावना प्रबल होती है, तो ऐसे गीत जनमानस में एक नया स्पंदन पैदा करते हैं।”

उन्होंने कहा कि “कदम-कदम बढ़ाए जा” जैसे राष्ट्रभक्ति गीत आजादी के संघर्ष के दौरान लोगों में जोश भरने का काम करते थे। वंदे मातरम में त्रिदेवियों दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती की आराधना का भाव निहित है, जो हमारी संस्कृति की गहराई को दर्शाता है।

अतीत से वर्तमान तक की प्रेरणा यात्रा

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अतीत के अप्रतिम गीतों ने भारत की आजादी की अलख जगाई। उन्होंने कहा -“19वीं शताब्दी से शुरू हुई यह यात्रा आज भी हमें प्रेरित करती है। हर देश में जब स्वतंत्रता की भावना जागती है, तब गीत और शब्द उस देश की पहचान बन जाते हैं।”

स्वदेशी संकल्प के साथ राष्ट्र अभियान

वंदे मातरम के सामूहिक गायन के बाद सभी उपस्थित लोगों ने स्वदेशी का संकल्प भी लिया। यह अभियान प्रदेशभर में 7 नवंबर से 26 नवंबर (संविधान दिवस) तक चलेगा। इस अवधि में 10 संभागों और 10 विशेष स्थलों पर विशेष आयोजन होंगे, जिनमें भाजपा के प्रदेश मंत्री, सांसद, विधायक और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।

सरकार और संगठन की योजना है कि इस उत्सव में हर जिले और हर शैक्षणिक संस्थान की भागीदारी सुनिश्चित की जाए ताकि वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने का यह उत्सव जन-जन तक पहुंचे।

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