देवनारायण मंदिर विवाद: उज्जैन में पुजारी परिवार का सामाजिक बहिष्कार क्यों? पूनमचंद्र से जानें पूरी कहानी; देखें Video
उज्जैन के पिरझलार गांव में देवनारायण मंदिर विवाद इतना बढ़ा कि पुजारी परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। पूनमचंद्र चौधरी से जानें क्या है पूरा मामला और क्यों बंद किया हुक्का पानी?
उज्जैन में पुजारी परिवार का सामाजिक बहिष्कार, कांग्रेस ने CM मोहन यादव को घेरा
Priest Social Boycott in Ujjain : मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में पुजारी के सामाजिक बहिष्कार का हैरान कर देने वाला घटनाक्रम सामने आया है। बड़नगर तहसील के पिरझलार गांव में यह मामला देवनारायण मंदिर से जुड़ा है। गांव वालों ने मंदिर के पुजारी पूनमचंद चौधरी और उनके परिवार का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार कर दिया। कांग्रेस ने इसे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया है।
क्या है पूरा मामला?
पूनमचंद चौधरी का परिवार पिछले 15-20 सालों से देवनारायण मंदिर की सेवा कर रहा है। मंदिर की स्थिति खराब हो जाने के चलते कुछ ग्रामीणों ने इसके नवनिर्माण का निर्णय लिया। पूनमचंद ने इसका विरोध किया। ग्रामीणों ने समाधान के लिए 14 जुलाई को पंचायत बुलाई। लेकिन पूनमचंद्र का परिवार नहीं पहुंचा, जिसके बाद माइक पर सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की गई।
पंचायत में ग्रामीणों को कहा गया कि वे पूनमचंद्र के घर न जाएं। न ही शादी, त्योहार या किसी सामाजिक आयोजन में उन्हें न बुलाएं। इतना नहीं दुकानदारों से कहा गया कि पूनम और उनके परिवार को कोई सामान तक न दें। पंचायत ने इस फैसले का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ₹51,000 जुर्माना निर्धारित किया है।
परिवार का क्या कहना है?
- पूनमचंद के बेटे कमल चौधरी ने बताया कि कुछ प्रभावशाली लोग निजी स्वार्थ के चलते मंदिर का दूसरी जगह निर्माण कराना चाहते हैं। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन गांव में तानाशाही तरीके से बहिष्कार का फैसला सुना दिया गया। हमारे छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल जाने तक से रोका जा रहा है। खेतों में मजदूर काम नहीं करते।
- पुजारी के बेटे ने बताया कि गांव के पटेल मंदिर की 4 बीघा जमीन पर कब्जा करने के लिए साजिश रच रहे हैं। मंदिर के जीर्णोद्वार के लिए चंदा इकट्ठा किया गया, लेकिन कुछ लोग नया मंदिर बनाना चाहते हैं। इनके खिलाफ कोर्ट में मामला दायर किया है।
- पुजारी परिवार के 3 बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया। उन्हें किसी कार्यक्रम में बुलाने पर रोक लगा दी गई है। परिवार से बातचीत, पूजा पाठ और मजदूरी करने से लोगों को रोक दिया गया है। उनके घर के बाहर सफाई करने वाले भी नहीं आते।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: कांग्रेस का हमला
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री मोहन यादव को घेरा। अपने X हैंडल पर लिखा- मुख्यमंत्री के गृह जिले में लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। दूरदराज और आदिवासी इलाकों की हालत सोचनीय है। ये जंगलराज है।
प्रशासन का क्या रुख है?
उज्जैन के कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने भी मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि शिकायत मिली है। हमने जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रशासन पूरे मामले को गंभीरता से जांच कर रहा है।