स्पीडो विजन सॉफ्टवेयर: भोपाल मंडल का रेलवे संचालन में क्रांतिकारी इनोवेशन, ओवरस्पीड पर रियल-टाइम निगरानी
पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल ने 'स्पीडो विजन' सॉफ्टवेयर विकसित किया, जो ओवरस्पीड और ट्रेन संचालन की रियल-टाइम निगरानी करता है। जानें इसकी खासियतें और रेलवे सुरक्षा में योगदान।
भोपाल मंडल के अधिकारियों ने 'स्पीडो विजन' सॉफ्टवेयर की जानकारी साझा की।
भोपाल। पश्चिम मध्य रेलवे की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन में जोन में नवाचारों का सिलसिला जारी है। इस दिशा में भोपाल मंडल ने 'स्पीडो विजन' नामक एक आधुनिक सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जो लोको पायलट की कार्यप्रणाली और ट्रेन संचालन की निगरानी को और प्रभावी बनाएगा।
यह सॉफ्टवेयर यात्रियों की सुरक्षा, समयबद्धता और संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। हाल ही में महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय ने गुना की क्रू लॉबी में इस सॉफ्टवेयर का उद्घाटन किया।
स्पीडो विजन की खासियतें
तेज और स्वचालित विश्लेषण: पारंपरिक मैनुअल प्रक्रिया में समय और संसाधनों की बर्बादी होती थी। 'स्पीडो विजन' एक्सेल डेटा को सेकेंडों में प्रोसेस कर ग्राफिकल रिपोर्ट तैयार करता है।
विस्तृत जानकारी: ट्रेन की तारीख, समय, गति, दूरी, ब्रेकिंग पैटर्न, ओवरस्पीड, फील टेस्ट और ब्रेक पावर टेस्ट जैसी जानकारी तुरंत उपलब्ध होती है।
त्रुटिरहित और विश्वसनीय: मैनुअल विश्लेषण की तुलना में यह सॉफ्टवेयर अधिक सटीक और कुशल है।
रियल-टाइम रिपोर्ट: शेयरिंग जीमेल, व्हाट्सएप या अन्य डिजिटल माध्यमों से विश्लेषण रिपोर्ट तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जा सकती है।
प्रभावी निगरानी: ओवरस्पीड या अनियमितता की स्थिति में तुरंत कार्रवाई संभव।
भोपाल मंडल की उपलब्धियां
भोपाल मंडल में मुख्य लोको निरीक्षक सुरेंद्र श्रीवास्तव ने मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी और वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता सचिन शर्मा के निर्देशन में मात्र एक माह में यह सॉफ्टवेयर तैयार किया।
जून 2025 में 400 स्पीडोमीटर डेटा की समीक्षा की गई, जिसमें केवल 8 मामलों में अनियमितता पाई गई। संबंधित लोको पायलटों को काउंसलिंग और आवश्यकतानुसार री-ट्रेनिंग दी गई। मंडल में वर्तमान में 747 लोको पायलट और 729 सहायक लोको पायलट कार्यरत हैं।
कैसे काम करता है स्पीडो विजन?
यह सॉफ्टवेयर लोकोमोटिव स्पीडोमीटर से प्राप्त डेटा का त्वरित विश्लेषण करता है। यह ओवरस्पीड, ब्रेकिंग पैटर्न और अन्य तकनीकी पहलुओं की निगरानी करता है, जिससे रेल संचालन में सुरक्षा और दक्षता बढ़ती है। प्रतिदिन औसतन 13 फ्लॉपी डेटा का विश्लेषण अब पहले से कहीं अधिक तेज और प्रभावी हो गया है।