पेट्रोल पंप सील, मालिक पर FIR: CM के कार्यक्रम में शामिल वाहनों में मिलावटी डीजल से हड़कंप, रतलाम प्रशासन का सख्त एक्शन

रतलाम में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान प्रोटोकॉल वाहनों में मिलावटी डीजल के कारण खराबी आ गई। जांच में डीजल में पानी मिला, प्रशासन ने पंप सील कर मालिक पर मामला दर्ज किया।

Updated On 2025-06-28 16:58:00 IST

Ratlam diesel adulteration

रतलाम (मध्य प्रदेश)। मुख्यमंत्री मोहन यादव के रतलाम दौरे के दौरान प्रोटोकॉल ड्यूटी में शामिल वाहनों के अचानक खराब हो जाने से प्रशासन में हड़कंप मच गया। जांच में पता चला कि इन वाहनों में डोसीगांव स्थित पेट्रोल पंप से भरा गया डीजल मिलावटी था। इसके बाद जिला प्रशासन ने 10,657 लीटर डीजल और 5,995 लीटर पेट्रोल जब्त कर पंप सील कर दिया। साथ ही पंप मालिक और संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की है।

क्या है मामला?
27 जून को रतलाम में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में इंदौर की ट्रैवल एजेंसी से कई वाहन लाए गए थे। ये वाहन मुख्यमंत्री के काफिले का हिस्सा नहीं, बल्कि अन्य आधिकारिक कार्यों के लिए उपयोग किए जा रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले इन वाहनों ने डोसीगांव स्थित पेट्रोल पंप से डीजल भरवाया था। कुछ किलोमीटर चलते ही सभी वाहन अचानक खराब हो गए। इससे ईंधन की गुणवत्ता पर संदेह पैदा हुआ। सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और संबंधित पंप पर जांच के आदेश दिए गए।

जांच में क्या सामने आए तथ्य?

  1. प्रशासन और BPCL अधिकारियों की संयुक्त जांच में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं:
  2. डीजल टैंक में 197.43 लीटर पानी पाया गया, जिसकी गहराई 6.63 सेमी थी।
  3. डीजल स्टॉक और बिक्री के आंकड़ों में 720 लीटर का अंतर मिला।
  4. ऑटोमेशन सिस्टम ने भी ईंधन टैंक में पानी के संदूषण की पुष्टि की।
  5. मौके से कुल 10,657 लीटर डीजल और 5,995 लीटर पेट्रोल जब्त किया गया।
  6. डीजल के सैंपल जांच के लिए BPCL की इंदौर (मांगलिया) लैब भेजे गए।

पंप सील, मालिक पर मामला दर्ज
इन गंभीर निष्कर्षों के बाद, जिला प्रशासन ने पंप को सील कर दिया है। साथ ही, आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 के तहत औद्योगिक क्षेत्र थाना (INDUSTRIAL AREA PS) में एफआईआर दर्ज की गई है। मामला पंप मालिक और संचालक दोनों के खिलाफ दर्ज किया गया है।

प्रशासन सख्त, उच्च स्तरीय जांच के आदेश
इस मामले को लेकर प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अन्य ईंधन स्टेशनों की भी सामूहिक जांच की जाएगी। जिला प्रशासन का कहना है कि सार्वजनिक संसाधनों से जुड़े किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े को कदापि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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