7 मिनट बंद रहा दिल, फिर भी नहीं मानी हार, इंदौर की जागृति ने मौत को हराकर जुड़वां बच्चों को दिया जन्म
इंदौर की जागृति कुशवाह ने जिंदगी और मौत के बीच कई बार जंग लड़ी और जीत गईं। प्रेग्नेंसी के दौरान किडनी फेल, डायलिसिस और 7 मिनट तक दिल बंद रहने के बावजूद उन्होंने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। डॉक्टर इसे दुनिया का पहला मेडिकल केस बता रहे हैं।
(एपी सिंह) इंदौर। इंदौर की रहने वाली जागृति कुशवाह की कहानी हिम्मत, जज्बे और मेडिकल चमत्कार का ऐसा उदाहरण है, जिसने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया है। जिंदगी और मौत के बीच कई बार झूलने के बावजूद जागृति ने हार नहीं मानी और आखिरकार जुड़वां बच्चों को सुरक्षित जन्म देकर नई मिसाल कायम कर दी।
डॉक्टरों का दावा है कि यह मामला मेडिकल लिटरेचर में अपनी तरह का दुनिया का पहला केस है। शादी के सात साल बाद जागृति गर्भवती हुई थीं। शुरुआत के 4 महीने सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन 18वें हफ्ते में अचानक ब्लीडिंग शुरू हो गई। अगस्त में उन्हें इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जांच में पता चला कि गंभीर इन्फेक्शन के कारण उनकी दोनों किडनियां पूरी तरह खराब हो चुकी हैं।
हालत इतनी नाजुक थी कि डॉक्टरों ने गर्भपात की सलाह दी, लेकिन जागृति और उनके परिवार ने यह फैसला मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने हर हाल में बच्चे को बचाने का संकल्प लिया। इन्फेक्शन बढ़ने के कारण जागृति के लिवर में भी चोट पहुंची और मल्टी ऑर्गन फेल्योर की स्थिति बन गई। डॉक्टरों ने तत्काल डायलिसिस शुरू कराया। रोज करीब छह घंटे तक डायलिसिस होने लगा। इस दौरान 5वें महीने में डायलिसिस के समय ही जागृति को कार्डियक अरेस्ट आ गया। करीब सात मिनट तक उनका दिल और सांसें दोनों बंद रहीं। मौके पर मौजूद मेडिकल टीम ने तुरंत सीपीआर दिया, जिसके बाद चमत्कारिक रूप से उनकी सांसें लौट आईं।
22वें हफ्ते में डॉक्टरों को किडनी बायोप्सी करनी पड़ी, जो प्रेग्नेंसी में बेहद जोखिम भरा कदम था। रिपोर्ट में साफ हो गया कि अब दोनों किडनियां रिकवर नहीं हो सकतीं। इसके बावजूद डॉक्टरों ने इलाज जारी रखा और जागृति ने भी मानसिक रूप से खुद को मजबूत बनाए रखा। सातवें महीने में हालात फिर बिगड़ गए, जब जागृति को पीलिया हो गया। इससे गर्भ में पल रहे दोनों बच्चों की जान पर खतरा मंडराने लगा। स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने समय से पहले डिलीवरी कराने का फैसला लिया। तमाम जोखिमों के बीच आखिरकार जागृति ने एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया। दोनों नवजात फिलहाल स्वस्थ हैं और निगरानी में हैं। जागृति के पति राहुल कुशवाह एक अस्पताल में बायो मेडिकल इंजीनियर हैं। उन्होंने कहा यह सफर कठिन था, पर जागृति के हौसले और डॉक्टरों की मेहनत ने असंभव को संभव कर दिखाया।