Deepak Joshi Marriage: पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कांग्रेस नेत्री से की शादी, मांग में सिंदूर भरते तस्वीर आई सामने
मध्यप्रदेश की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रहे पूर्व मंत्री दीपक जोशी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनका राजनीतिक नहीं बल्कि निजी जीवन है।
मध्यप्रदेश की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय रहे पूर्व मंत्री दीपक जोशी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनका राजनीतिक नहीं बल्कि निजी जीवन है। शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश सचिव पल्लवी राज सक्सेना से शादी कर ली है।
सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में दीपक जोशी, पल्लवी राज सक्सेना की मांग में सिंदूर भरते नजर आ रहे हैं। हालांकि इन तस्वीरों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। सूत्रों के अनुसार, यह विवाह 4 दिसंबर को आर्य समाज मंदिर में सादे समारोह के साथ संपन्न हुआ। बताया जा रहा है कि शादी की तस्वीरें सबसे पहले पल्लवी राज सक्सेना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की थीं, जिन्हें बाद में हटा लिया गया।
इसके बाद कांग्रेस नेता बृजेंद्र शुक्ला ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर कर दीपक जोशी को बधाई दी, जिसके बाद यह मामला सार्वजनिक चर्चा में आ गया। तस्वीरों के वायरल होते ही राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं।
इस पूरे घटनाक्रम पर दीपक जोशी ने फिलहाल कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दो-तीन मामले अभी अदालत में विचाराधीन हैं। वे इस समय भोपाल से बाहर हैं और 22 दिसंबर के बाद राजधानी लौटेंगे। भोपाल आने के बाद वे अपने वकील से चर्चा कर आगे कोई बयान देंगे।
दीपक जोशी की निजी जिंदगी पहले भी विवादों और चर्चाओं में रही है। उनकी पहली पत्नी विजया जोशी का वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमण के दौरान निधन हो गया था। इसके बाद उनके निजी जीवन को लेकर कई दावे सामने आए। नम्रता जोशी ने खुद को उनकी पत्नी बताते हुए साथ रहने का दावा किया, जबकि शिखा जोशी (शिखा मित्रा) ने 2016 में दीपक जोशी से विवाह करने की बात कही। इन मामलों को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि मामला अदालत तक पहुंच गया।
राजनीतिक करियर की बात करें तो दीपक जोशी ने 2013 में देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर मध्यप्रदेश सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री का पद संभाला था। हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चौधरी से हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2020 में राजनीतिक घटनाक्रम बदला, लेकिन उपचुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने के बाद वे हाशिए पर चले गए। अंततः 2023 में उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया।