E-rickshaw ban: ई-रिक्शा से स्कूल नहीं जा पाएंगे बच्चे, भोपाल के बाद जबलपुर में भी प्रतिबंध
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्कूली बच्चों के ई-रिक्शा से परिवहन पर प्रतिबंध लगाया। BNSS 2023 की धारा 163 के तहत आदेश, उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई। जानें कारण और असर।
जबलपुर में ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों का परिवहन बैन
E-rickshaw rules in Jabalpur : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाद अब जबलपुर में स्कूली बच्चों के लिए ई रिक्शा प्रतिबंधित कर दिए गए। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बुधवार (23 जुलाई) को आदेश जारी कर स्कूली बच्चों के परिवहन में ई-रिक्शा के उपयोग पर पूर्णत: रोक लगा दी है। कलेक्टर ने कहा, यह आदेश संपूर्ण जिले में तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।
जबलपुर कलेक्टर ने अपने ऑफिशियल X (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर आदेश की कॉपी पोस्ट कर लिखा- जबलपुर में ई-रिक्शा में स्कूली बच्चों के परिवहन पर प्रतिबंध। बताया यह निर्णय स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए लगाए गए हैं।
ई रिक्शा पर प्रतिबंध क्यों?
कलेक्टर ने यह आदेश मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशों और जन-सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी किया है। बताया कि अधिकतर ई-रिक्शा में स्कूली बच्चों की ओवरलोडिंग की जाती है। इनमें सुरक्षा बेल्ट, गति नियंत्रण, सीट व्यवस्था जैसे मूलभूत मानक अनुपस्थित होते हैं। कई वाहन बिना पंजीयन और परमिट के चल रहे हैं। वह बच्चों की जान जोखिम में डालते हैं।
कानून के तहत प्रतिबंध और दंड
कलेक्टर ने यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 163 के तहत दिया है। इस अधिनियम के अंतर्गत सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाले सभी साधनों पर प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। यह प्रतिबंध जिले के सभी निजी, सरकारी व गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू है। स्कूल प्रबंधन और ई-रिक्शा चालकों को चेतावनी दी गई है कि आदेश का उल्लंघन करने पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय पुलिस और ट्रैफिक विभाग को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
ई-रिक्शा प्रतिबंध का क्या होगा असर?
जबलपुर कलेक्टर के इस आदेश से स्कूल जाने वाले हज़ारों बच्चों को अब ई-रिक्शा की जगह अन्य सुरक्षित परिवहन साधनों की जरूरत होगी। स्कूल प्रबंधन को भी वैकल्पिक परिवहन की व्यवस्था करनी होगी। अभिभावक समुदाय इस निर्णय पर मिश्रित प्रतिक्रिया दे।