Interview: आगर मालवा हार चुके विपिन वानखेड़े इंदौर में कैसे देंगे कांग्रेस को मजबूती? जानें तीखें सवालों के जवाब

इंदौर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष (ग्रामीण) बनाए गए पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े की हरिभूमि से खास बातचीत। नियुक्ति पर उठ रहे सवालों और आगामी रणनीति पर दिए बेवाब जवाब। पढ़ें पूरी खबर।

Updated On 2025-08-27 12:21:00 IST

इंदौर कांग्रेस (ग्रामीण) जिलाध्यक्ष विपिन वानखेड़े की डॉ हिमांशु द्विवेदी से खास बातचीत।  

Vipin Wankhede Interview: मेरे लिए पद नहीं पार्टी महत्वपूर्ण है। पार्टी कहेगी तो मैं नागालैंड जाकर एक बूथ अध्यक्ष के तौर पर भी काम करने को तैयार हूं। यह कहना है इंदौर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष (ग्रामीण) बनाए गए विपिन वानखेड़े का। हरिभूमि व INH-24 न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से हुई खास बातचीत में वानखेड़े ने कहा, मुझे जो जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश..।

Q. आपको बधाई दूं या फिर सहानुभूति व्यक्त करूं?

A. न बधाई की जरूरत है और न ही सहानुभूति की। मैं कांग्रेस का समर्पित कार्यकर्ता हूं और पार्टी की गाइडलाइन के अनुसार, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करता हूँ। पार्टी कहेगी कि नागालैंड में एक बूथ का अध्यक्ष बनकर काम करने चला जाऊंगा। मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा।

Q. आगर-मालवा हार चुके विपिन इंदौर की 9 विधानसभा सीटें कैसे जीतेंगे?

A. देखिए, मैंने महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और छत्तीसगढ़ में एक-एक माह रहकर कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर काम किया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में 2 महीने निरंतर रहा हूं। मैंने कभी पद के लिए काम नहीं किया है। मैं सिर्फ कांग्रेस के लिए काम करता हूं।

Q. आपने कई राज्यों में काम किया। कई बड़े पदों पर रहे, फिर जिलाध्यक्ष का पद क्यों? कोई साजिश तो नहीं है?

A. हम लोग संगठन सृजन का काम कर रहे हैं। सवाल पद का नहीं, जिले की विधानसभा सीटों की स्थिति को मजबूत करने का है। हम लोग लगे हुए हैं। हमारे शीर्ष नेताओं का साफ कहना है कि पहले अपना जिला, क्षेत्र मजबूत करें, इसके बाद प्रदेश स्वतः मजबूत हो जाएगा।

Q. जिलाध्यक्ष बनाने से पहले आपसे पूछा गया था या फिर सीधा फरमान आ गया?

A. मेरे जिलाध्यक्ष बनने से किसी को आपत्ति नहीं है। बाबा साहेब की जन्मस्थली से कोई व्यक्ति उनके विचारों को लेकर काम करेगा तो भाजपा का पेट दुखता है। आगे भी दुखता रहेगा। गुमराह करने की बातें भाजपा की तरफ से ही आती हैं। हम इसकी चिंता नहीं करते। हमारी लड़ाई संविधान को बचाने की है उसे हम जारी रखेंगे।

Q. आपकी नियुक्ति पर दिल्ली तक नारेबाजी हुई। राहुल ने भी सर्वाधिक शिकायतों की बात कही। इशारा आपकी तरफ था?

A. राहुल जी का ऐसा कोई वीडियो नहीं है। ये सब भाजपा का किया धरा है। पूरी साजिश भाजपा ही रच रही है। उसका पेट दुख रहा है कि एक दलित को मौका कैसे मिल गया। मेरी नियुक्ति के विरोध में सबसे पहले भाजपा जिलाध्यक्ष ने विरोध में बयान दिया।

Q. कांग्रेस की दाल इंदौर में नहीं गलती है। बार-बार हार जाती है। आप क्या करेंगे?

A. भाजपा ने इंदौर में तमाम फर्जी वोटरों के नाम जुड़वा रखे हैं। जिसकी दम पर वो चुनाव जीत जाती है। कांग्रेस इसी बात पर संघर्ष कर रही है कि सही मतदाता को अपने मत का उपयोग करने का अधिकार मिले। हमारी जीत निश्चित होगी, क्योंकि आज भी 40 प्रतिशत वोट कांग्रेस के साथ है और भाजपा के साथ मात्र 48 प्रतिशत। पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़े देखेंगे तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

विपिन वानखेड़े कौन हैं?

  • विपिन वानखेड़े ने अपने सियासी कॅरियर की शुरुआत छात्र नेता के तौर पर की थी। महज 17 साल की उम्र में उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय देते हुए कॉलेज के छात्रसंग चुनाव में सचिव पद निर्वाचित हुए थे। 
  • NSUI के प्रदेश अध्यक्ष और फिर आगर मालवा सीट से विधायक निर्वाचित हुए। विपिन वानखेड़े ने 2020 के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी को करारी मात दी थी। हालांकि, 2023 के चुनाव में वह सफल नहीं हो पाए।
  • एनएसयूआई में रहते उन्होंने महत्वपूर्ण दायित्वों को निभाया है। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में संगठन और चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाली। पार्टी ने अब उन्हें इंदौर जैसे बड़े जिले में ग्रामीण जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी है।  
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