जानलेवा सिरप: खांसी की दवा से 23 दिन में 11 बच्चों की मौत, MP-राजस्थान में दहशत
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 9 और राजस्थान के भरतपुर-सीकर में 1-1 बच्चे की मौत। खांसी की दवा पर सवाल, स्वास्थ्य व्यवस्था में चिंता।
MP News: मध्य प्रदेश और राजस्थान में खांसी की दवा से जुड़ी मौतों ने पूरे स्वास्थ्य तंत्र को हिला दिया है। पिछले 23 दिनों में कम से कम 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें से 9 मौतें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से सामने आई हैं, जबकि राजस्थान के भरतपुर और सीकर जिलों में 1-1 बच्चे की जान गई है। इन सभी मामलों में किडनी फेलियर और संदिग्ध कफ सिरप के सेवन का जिक्र सामने आया है।
छिंदवाड़ा में हाल ही में तीन बच्चों की मौत के बाद से सनसनी फैल गई है। जांच में पाया गया कि बच्चों ने सरकारी योजनाओं के तहत वितरित की गई खांसी की दवा का सेवन किया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। राजस्थान के भरतपुर और सीकर में हुई मौतों ने इस पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटना दवाओं की गुणवत्ता और सरकारी सप्लाई चेन की निगरानी पर बड़े सवाल खड़े करती है। डॉक्टरों का कहना है कि कफ सिरप के अनियंत्रित और बिना मेडिकल जांच के इस्तेमाल से बच्चों की किडनी और लीवर पर गंभीर असर पड़ सकता है।
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक काबरा का कहना है, “कफ सिरप में मौजूद कुछ तत्व छोटे बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं। माता-पिता को चाहिए कि किसी भी खांसी-जुकाम में बच्चों को दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह लें और घरेलू उपायों को प्राथमिकता दें।”
फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित जिलों से नमूने इकट्ठा कर जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही, इस कफ सिरप की सप्लाई पर अस्थायी रोक लगाने की चर्चा भी चल रही है। पीड़ित परिवारों और स्थानीय लोगों ने दोषी दवा कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटनाक्रम एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं में वितरित दवाओं की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल उठाता है।