सोम डिस्टलरी पर एक्साइज की बड़ी कार्रवाई: भोपाल-रायसेन के कई ठिकानों में छापा, 14 करोड़ सरेंडर; 50 करोड़ टैक्स चोरी का शक
सेंट्रल एक्साइज ने भोपाल और रायसेन में सोम डिस्टलरी पर छापेमारी कर 14 करोड़ सरेंडर कराए। टैक्स चोरी 50 करोड़ तक होने की आशंका।
भोपाल और रायसेन में सोम डिस्टलरी पर एक्साइज की बड़ी कार्रवाई
प्रशांत शुक्ला, भोपाल। सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट ने भोपाल और रायसेन जिले में सोम डिस्टलरी के पांच ठिकानों पर टैक्स चोरी के मामले में व्यापक छापेमारी की। यह कार्रवाई बुधवार शाम से शुरू हुई और गुरुवार देर रात तक जारी रही। छापे का मुख्य उद्देश्य कंपनी द्वारा कथित तौर पर की गई वित्तीय अनियमितताओं और टैक्स चोरी की जांच करना था।
सेंट्रल एक्साइज की टीम ने इस दौरान वित्तीय ट्रांजेक्शन से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए, जिनका अब गहन मूल्यांकन किया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में कंपनी प्रबंधन ने 14 करोड़ रुपए सरेंडर किए हैं, लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि टैक्स चोरी का कुल आंकड़ा 50 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
सेहतगंज और गोचरा चक यूनिट्स पर एक साथ छापेमारी
यह छापेमारी रायसेन जिले के सेहतगंज और गोचरा चक में स्थित सोम डिस्टलरी की प्रोडक्शन यूनिट्स के साथ-साथ भोपाल के एमपी नगर में कंपनी के मुख्य कार्यालय में की गई। सोम ग्रुप पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने लिकर की बोतलों के आयात लाइसेंस में हेरफेर कर टैक्स चोरी की।
जांच में सामने आया कि कंपनी ने आयातित बोतलों का स्टॉक जानबूझकर कम दिखाया और कई अन्य वित्तीय गड़बड़ियां कीं। इन अनियमितताओं में कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों का उपयोग और गलत बिलिंग शामिल है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।
कर्मचारियों और एक्साइज अधिकारियों के बीच नोकझोंक
छापे के दौरान कंपनी के कर्मचारियों ने कार्रवाई का विरोध किया। सेहतगंज यूनिट और भोपाल कार्यालय में कर्मचारियों ने एक्साइज अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक की और दस्तावेज सौंपने में आनाकानी की। हालांकि, एक्साइज टीम ने सख्ती दिखाते हुए सभी जरूरी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए।
मीडियाकर्मियों से अभद्रता, दस्तावेज जब्त
भोपाल के एमपी नगर कार्यालय में जब मीडियाकर्मी छापे की जानकारी लेने पहुंचे, तो उनके साथ कंपनी कर्मचारियों द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया। कंपनी प्रबंधन ने छापे की गंभीरता को कम करने की कोशिश करते हुए इसे रूटीन जांच बताया। सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट अब बरामद दस्तावेजों की गहन जांच कर रहा है, जिसमें आयात-निर्यात के रिकॉर्ड, बिक्री के बिल, और अन्य वित्तीय लेनदेन शामिल हैं।
अधिकारियों का मानना है कि इस जांच से टैक्स चोरी की पूरी परतें उजागर होंगी। यह कार्रवाई न केवल सोम डिस्टलरी के लिए बल्कि अन्य समान उद्योगों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि टैक्स चोरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।