भोपाल: उपभोक्ता आयोग का फैसला, 'बापू की कुटिया' को देना होगा 10 हजार रुपए हर्जाना

भोपाल उपभोक्ता आयोग ने 'बापू की कुटिया' रेस्टोरेंट को 10 हजार रुपए हर्जाना अदा करने का आदेश दिया है। स्कीम खत्म होने के बावजूद कूपन और मेंबरशिप कार्ड बेचने पर आयोग ने सेवा में कमी का दोषी माना। जानें पूरी खबर।

Updated On 2025-07-19 23:09:00 IST

भोपाल उपभोक्ता आयोग ने 'बापू की कुटिया' रेस्टोरेंट को 10 हजार रुपए हर्जाना अदा करने का आदेश दिया।

दिपेश कौरव, भोपाल। 

रेस्टोरेंट की स्कीम खत्म होने के बाद भी शुल्क लेकर कूपन व कार्ड देना और फिर सेवा न देना 'बापू की कुटिया' रेस्टोरेंट को भारी पड़ गया। मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने इस कृत्य को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार प्रथा बताते हुए उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया है। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग आदेश दिए है कि रेस्टोरेंट प्रबंधन उपभोक्ता को कुल 10 हजार रुपए का हर्जाना दो माह की अवधि के भीतर अदा करे। इसमें मानसिक, आर्थिक और शारीरिक पीड़ा के एवज में 7 हजार रुपए और वाद व्यय के रूप में 3 हजार रुपए शामिल है।

निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं करने की स्थिति में उक्त राशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा। यह फैसला जुलाई माह में आयोग की बैंच क्रमांक दो ने सुनाया है। मामले में रेस्टोरेंट प्रबंधन की ओर से आयोग को बताया गया कि सदस्यता और कूपन संबंधित स्कीम एक सीमित अवधि के लिए थी और इसे जुलाई 2021 में ही बंद कर दिया गया था। जिसकी सूचना सभी उपभोक्ताओं को दे दी गई थी।

मामले में आयोग ने पाया कि वर्मा को जिस दिन सदस्यता दी गई (17 नवंबर 2021), उस समय रेस्टोरेंट की स्कीम पहले ही जुलाई 2021 में समाप्त की जा चुकी थी। इसके बावजूद रेस्टोरेंट ने न केवल उनसे शुल्क वसूला, बल्कि उन्हें कूपन और कार्ड भी दिए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रेस्टोरेंट द्वारा उपभोक्ता को भ्रमित किया गया।

चार साल बाद आया फैसला

दरअसल, राजधानी के जितेन्द्र वर्मा ने मामले में जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया था। वर्मा ने बताया कि ‘बापू की कुटिया’ द्वारा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नवंबर 2021 में एक डिस्काउंट स्कीम चलाई गई थी। इसके अंतर्गत रेस्टोरेंट ने 1,700 रुपए की राशि लेकर एक वर्ष की सदस्यता और आकर्षक डिस्काउंट कूपन देने का दावा किया था।

इस ऑफर पर भरोसा करते हुए वर्मा ने 17 नवंबर 2021 को 1,700 रुपए नकद भुगतान कर सदस्यता प्राप्त की। रेस्टोरेंट की ओर से उन्हें मेंबरशिप कार्ड और कई डिस्काउंट कूपन भी दिए गए। लेकिन 12 दिसंबर 2021 को जब वर्मा अपने परिवार के साथ रेस्टोरेंट पहुंचे और भोजन के उपरांत बिल भुगतान करते समय डिस्काउंट कूपन का लाभ लेना चाहा, तो रेस्टोरेंट प्रबंधन ने उन्हें सूचित किया कि स्कीम तो जुलाई 2021 में ही बंद हो चुकी है। सदस्यता के तहत दिए गए कूपन और कार्ड वापस ले लिए गए और किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई।

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