महाकाल की नगरी बनेगी ग्लोबल हब: CM मोहन यादव ने दी 129 करोड़ की सौगात, सिंहस्थ-2028 के लिए खींचा विकास का खाका
आगामी सिंहस्थ-2028 को केंद्र में रखते हुए सरकार ने बुनियादी ढांचे, परिवहन और युवाओं के कौशल विकास से जुड़ी कई योजनाओं को धरातल पर उतारने की घोषणा की है।
उज्जैन अब 14000 वर्ग किमी में फैले उस मेट्रोपॉलिटन एरिया का हिस्सा है, जो दिल्ली के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र होगा।
भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को उज्जैन शहर की तस्वीर बदलने के लिए 129 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और पूर्ण हो चुके कार्यों का लोकार्पण किया।
आगामी सिंहस्थ-2028 को केंद्र में रखते हुए सरकार ने बुनियादी ढांचे, परिवहन और युवाओं के कौशल विकास से जुड़ी कई योजनाओं को धरातल पर उतारने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि प्रशासन का ध्यान अब क्राउड मैनेजमेंट के साथ-साथ श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने पर केंद्रित है।
उन्होंने ने कहा की यह केवल बुनियादी ढांचा नहीं, बल्कि उज्जैन को देश के दूसरे सबसे बड़े मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के रूप में स्थापित करने की एक बड़ी छलांग है।
सिंहस्थ-2028: श्रद्धा और आधुनिकता का संगम
मुख्यमंत्री ने सिंहस्थ-2028 को दुनिया का सबसे अनुशासित और सुव्यवस्थित धार्मिक आयोजन बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि 30 किलोमीटर लंबे घाटों पर श्रद्धालुओं को 24 घंटे क्षिप्रा का शुद्ध जल आचमन के लिए मिलेगा।
इसके लिए 2675 करोड़ की लागत से 33 प्रमुख प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू हो चुका है। सरकार का विजन है कि 24 घंटे में 5 करोड़ से अधिक लोग बिना किसी असुविधा के स्नान कर सकें।
क्राउड मैनेजमेंट के लिए पूरे मेला क्षेत्र को फोर-लेन और सिक्स-लेन सड़कों के जाल से बुना जा रहा है, ताकि कनेक्टिविटी निर्बाध रहे।
परिवहन क्रांति: मेट्रो, एयरपोर्ट और हाई-टेक रेलवे स्टेशन
उज्जैन की तस्वीर बदलने के लिए परिवहन के चारों आयामों पर काम हो रहा है। इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो और वंदे भारत मेट्रो ट्रेन भविष्य की पहचान बनेंगी। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब श्रद्धालुओं को इंदौर उतरने की मजबूरी नहीं होगी, क्योंकि उज्जैन के पास ही एक बड़ा एयरपोर्ट तैयार किया जा रहा है।
रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए चिंतामण गणेश को मुख्य स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है और मोहनपुरा में एक नया स्टेशन आकार लेगा।
उज्जैन अब 14 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले उस मेट्रोपॉलिटन एरिया का हिस्सा है, जो दिल्ली के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र होगा।
युवाओं को 'जॉब-रेड्डी' बनाने के लिए डिजिटल शंखनाद
सिर्फ धर्म ही नहीं, उज्जैन अब शिक्षा और तकनीक का भी केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए तीन बड़े डिजिटल प्रोजेक्ट्स का आगाज किया। 'प्रोजेक्ट स्वाध्याय' के जरिए बच्चों को छोटी उम्र से कोडिंग सिखाई जाएगी, वहीं 'UtkarshUjjain.com' पोर्टल युवाओं को अवसरों से जोड़ेगा।
'कौशल सेतु' कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा और उद्योगों के बीच की दूरी कम की जाएगी। निनौरा और मक्सी में शुरू हुए कौशल विकास केंद्र और नया आईटी पार्क उज्जैन के युवाओं को 'नौकरी लेने वाले' के बजाय 'नौकरी देने वाला' बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
स्पोर्ट्स और हेल्थ: इंटरनेशनल हॉकी और मेडिसिटी का तोहफा
खेलों के क्षेत्र में उज्जैन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने पुराने हॉकी स्टेडियम में आधुनिक एस्ट्रोटर्फ लगाने की घोषणा की।
कानीपुरा में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी खेल प्रतिभाओं को निखारने में मदद करेगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में उज्जैन को 'मेडिकल टूरिज्म हब' बनाने की तैयारी है, जिसके तहत यहाँ आधुनिक मेडिसिटी का निर्माण तेजी से चल रहा है।
इंजीनियरिंग कॉलेज के पुराने कैंपस को साइंस सिटी में बदला जा रहा है, जो ज्ञान-विज्ञान को बढ़ावा देगा।
140 करोड़ का 'शनि लोक' और वैदिक विरासत
आध्यात्मिक पर्यटन को विस्तार देते हुए मुख्यमंत्री ने 140 करोड़ की लागत से 'शनि लोक' के निर्माण को मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट महाकाल लोक की तरह ही देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
इसके साथ ही, उज्जैन की प्राचीन खगोलीय महत्ता को जीवित रखते हुए 'वैदिक घड़ी' और विरासत भवनों जैसे सम्राट विक्रमादित्य होटल का जीर्णोद्धार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने उज्जैनवासियों से अपील की कि वे सिंहस्थ के लिए स्वयंसेवकों के रूप में आगे आएं और दुनिया के सामने आतिथ्य की एक नई मिसाल पेश करें।