आधार, अब विद्यालय के द्वार: अब स्कूलों में बनेगा बच्चों का आधार कार्ड, जानें पूरी डिटेल
मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब विद्यार्थियों का आधार कार्ड बनाना और अपडेट करना होगा बेहद आसान। 18 अगस्त से शुरू हो रहा ‘विद्यार्थी के लिए आधार, अब विद्यालय के द्वार’ अभियान। जानें प्रक्रिया, जरूरी अपडेट और जिलों की पूरी जानकारी।"
Madhya Pradesh School Aadhar card campaign
दीपेश कौरव, भोपाल।
मध्यप्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों के लिए आधार कार्ड से जुड़ा नया अभियान शुरू किया है। इस योजना का नाम- 'विद्यार्थी के लिए आधार, अब विद्यालय के द्वार' रखा गया है। इसके तहत 18 अगस्त से सभी सरकारी स्कूलों में आधार कार्ड बनाने और अपडेट करने की सुविधा उपलब्ध होगी।
दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य शिक्षा केन्द्र ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के साथ समन्वय किया है। यह पहल मुख्य रूप से बच्चों के अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) पर केंद्रित है। इसमें उनके आधार में उंगलियों के निशान, आईरिस स्कैन और एक तस्वीर अपडेट करना शामिल है।
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र हरजिंदर सिंह ने बताया कि, विद्यार्थी के लिए आधार, अब विद्यालय के द्वार अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में आधार शिविर, न केवल छात्रों को अपना अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट करवाने में सुविधा प्रदान करेंगे, बल्कि यदि आवश्यक हो तो आधार में नाम सुधार आपार आईडी बनाने के लिए और मोबाइल नंबर अपडेट के लिए भी उन्हें सुविधा प्रदान करेंगे।
बच्चे की उम्र 5 वर्ष तो पहला अपडेट आवश्यक
पहला अपडेट तब आवश्यक है जब बच्चा 5 वर्ष का हो जाए। पहला एमबीयू 5 से 7 वर्ष की आयु के बीच पूरा होने पर निःशुल्क रखा गया है। विद्यार्थी के उम्र 7 वर्ष की आयु से अधिक होने के बाद शुल्क लागू होगा। दूसरा एमबीयू तब आवश्यक है जब विद्यार्थी 15 वर्ष का हो जाएगा। तीसरा एमबीयू 15 से 17 वर्ष की आयु के बीच पूरा होने पर निःशुल्क है, लेकिन 17 वर्ष की आयु के बाद शुल्क लागू होगा।
40 जिलों में एक साथ शुरू होगा अभियान
संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र ने बताया कि, 18 अगस्त से प्रारंभ होने वाला अभियान का पहला चरण, मध्यप्रदेश के 40 जिलों में एक साथ शुरू होगा और एक से दो महीने तक चलेगा। आधार शिविरों की प्रभावशीलता को अधिकतम करने के लिए (यूआईडीएआई) ने जिलों में उन पिन कोडों की पहचान की है जहाँ सबसे ज़्यादा एमबीयू लंबित हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने मुख्य रूप से इन पिन कोडों के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों को शिविरों के लिए चुना है। शेष 15 जिलों में दूसरा चरण सितंबर 2025 के पहले सप्ताह में शुरू होगा।
स्थानीय जिला प्रशासन को अपने-अपने जिलों में आधार शिविर योजना का व्यापक प्रचार करने के लिए कहा गया है। अभिभावकों में प्रचार-प्रसार होने से विद्यार्थी के लिए आधार, अब विद्यालय के द्वार'' अभियान को सफलता मिलेगी और अधिक से अधिक छात्र लाभान्वित हो सकेंगे।