रोडवेज का चक्का जाम: यमुनानगर बस अड्डे पर कंडक्टर से मारपीट का विरोध, धरने पर बैठे कर्मचारी

कर्मचारियों की मांग है कि SHO माफी मांगें और मारपीट करने वाले महिला-पुरुष पर सख्त कार्रवाई हो, अन्यथा धरना जारी रहेगा। जीएम और SHO ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की।

Updated On 2025-09-30 15:45:00 IST

चक्का जाम के बाद यमुनानगर बस अड्डे पर जमा भीड़।

हरियाणा के यमुनानगर बस अड्डे पर मंगलवार को एक मामूली विवाद ने बड़ा रूप ले लिया। एक रोडवेज कंडक्टर के साथ मारपीट की घटना के विरोध में गुस्साए रोडवेज कर्मचारियों ने डिपो पर चक्का जाम कर दिया है। बसों का संचालन पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे यात्री बीच रास्ते में फंस गए हैं और अपनी बसों का इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारी बसें छोड़कर धरने पर बैठ गए हैं और पुलिस प्रशासन तथा SHO के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।

विवाद दोपहर करीब 12:30 बजे तब शुरू हुआ, जब यमुनानगर डिपो का कंडक्टर नरेंद्र हरिद्वार से बस लेकर बस अड्डे पहुंचा और उसे काउंटर नंबर-4 पर लगाने के लिए बैक कर रहा था। कंडक्टर नरेंद्र ने बताया कि काउंटर के सामने एक बाइक खड़ी थी, जिसे एक महिला और पुरुष लेकर आए थे। उन्होंने उन दोनों से बाइक हटाने को कहा, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी और बाइक वहीं छोड़कर दूसरी तरफ जाने लगे। कंडक्टर ने उन्हें चेतावनी दी कि बस बैक करते समय बाइक को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए उसे तुरंत हटा लें।

महिला ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर की मारपीट

कंडक्टर नरेंद्र के अनुसार जैसे ही उसने यह बात कहने के लिए उनके पास जाने की कोशिश की, महिला ने उसे थप्पड़ मार दिया। इससे पहले कि कंडक्टर कुछ समझ पाता, महिला ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। कंडक्टर ने भागकर बचने की कोशिश की, लेकिन महिला उसे पीटती हुई उसका पीछा करती रही। कंडक्टर नरेंद्र का गंभीर आरोप है कि मारपीट करने वाली इस महिला ने खुद को हरियाणा पुलिस का कर्मचारी बताया। यह घटना बस अड्डे पर मौजूद यात्रियों और कर्मचारियों के लिए चौंकाने वाली थी। इस मारपीट के बाद मामला शांत होने की बजाय और भड़क गया।

SHO पर गिरेबान पकड़ने और दुर्व्यवहार का आरोप

कंडक्टर नरेंद्र का आरोप है कि महिला द्वारा पुलिस को बुलाए जाने के बाद यमुनानगर सिटी थाने के प्रभारी (SHO) नरेंद्र मौके पर पहुंचे। कंडक्टर का आरोप है कि SHO ने आते ही उनकी कोई बात नहीं सुनी, सीधे उनकी गिरेबान पकड़ी, उन्हें खींचा और गाड़ी में धक्का देकर जबरन थाने ले गए। SHO के इस कथित दुर्व्यवहार ने रोडवेज कर्मचारियों के गुस्से को और बढ़ा दिया।

माफी की मांग पर अड़े कर्मचारी

कंडक्टर के साथ हुई मारपीट और SHO के कथित अभद्र व्यवहार के विरोध में सभी रोडवेज यूनियनें तुरंत एकजुट हो गईं और पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि SHO नरेंद्र अपने गलत व्यवहार के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। कंडक्टर से मारपीट करने वाली महिला और पुरुष पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

रोडवेज जीएम और SHO मौके पर पहुंचे

धरने की सूचना मिलते ही रोडवेज जीएम संजय रावल और SHO नरेंद्र खुद मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया। हालांकि, रोडवेज कर्मचारी अपनी मांगों पर डटे हुए हैं और घोषणा की है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, चक्का जाम जारी रहेगा। फिलहाल, पीड़ित कंडक्टर, रोडवेज जीएम और SHO के बीच इस मामले को सुलझाने के लिए एक बैठक जारी है।

इस चक्का जाम से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और यह घटना एक बार फिर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के प्रति दुर्व्यवहार और पुलिस प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

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