कृषिमंत्री से मिले भाकियू नेता: यमुनानगर में सात साल से जमीन अधिग्रहण का मुआवजा पाने के लिए भटक रहे किसान, सब्सिडी में भी देरी
हरियाणा के यमुनानगर जिले में किसान यूनियन के नेताओं ने कृषिमंत्री से मिलकर कई लंबित मांगों को रखा। उनके संज्ञान में लाया गया कि सब्सिडी का पैसा मिलने में देरी हो रही है।
यमुनानगर में कृषिमंत्री श्याम सिंह राणा को ज्ञापन सौंपते किसान यूनियन के सदस्य।
कृषिमंत्री से मिले भाकियू नेता : हरियाणा के यमुनानगर जिले में किसानों ने अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर रविवार को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के बैनर तले एकजुट होकर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा से मुलाकात की। रादौर अनाज मंडी से चलकर किसान मंत्री के आवास तक पहुंचे, जहां ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं के त्वरित समाधान की अपील की। बैठक में मुख्य रूप से किसान भवन या रेस्ट हाउस बनाने की मांग रखी गई। वहीं, पराली न जलाने पर सब्सिडी व धान रोपाई में सब्सिडी योजना का पैसा जल्द दिलाने की मांग की। वहीं, सात साल से जमीन मुआवजे का पैसा न मिलने के बारे में भी कृषिमंत्री को अवगत करवाया गया।
पराली और डीएसआर योजना के भुगतान में देरी से नाराज
किसानों ने स्पष्ट किया कि पराली न जलाने पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि पिछले वर्ष से लंबित है। भाकियू नेताओं ने इसे 1,000 से बढ़ाकर 2,000 रुपये करने और जल्द भुगतान करने की मांग की। इसी तरह डायरेक्ट सीडेड राइस (DSR) पद्धति से धान की खेती करने पर किसानों को 4,500 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि मिलनी चाहिए थी, लेकिन अब तक वह राशि नहीं मिली है। किसानों ने इस योजना की राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति एकड़ करने की भी सिफारिश की।
अधिगृहित जमीन का मुआवजा और इंफ्रास्ट्रक्चर की मांग
किसानों ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-344 के तहत 28 गांवों की जमीन का अधिग्रहण 2018 में हुआ था, लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिला। किसान वर्षों से अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। इसके साथ ही हरनौल और सुढल-सुडैल के पास ओवरब्रिज बनाने की मांग दोहराई गई क्योंकि सड़क पार करते समय कई हादसे हो चुके हैं।
ट्रैक्टर पर सब्सिडी देने की मांग
भाकियू जिला प्रधान संजू ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए इस्तेमाल होने वाले यंत्र भारी होते हैं, जिन्हें चलाने के लिए बड़े ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है। लेकिन ट्रैक्टर सब्सिडी में शामिल नहीं होने से किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। उन्होंने ट्रैक्टर को भी सब्सिडी योजना में शामिल करने की पुरजोर मांग की।
पशु बीमा योजना को फिर से शुरू करने की अपील
किसान नेताओं ने चिंता जताई कि हाल ही में गर्मी के मौसम में पशुओं में बीमारी बढ़ने से पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पहले सरकार की ओर से चलाई जा रही पशु बीमा योजना अब बंद हो चुकी है। किसानों ने इस योजना को दोबारा लागू करने की मांग उठाई ताकि आपदा के समय पशुपालकों को राहत मिल सके।
बंद पड़ी राइस मिल को शुरू करने की मांग
किसान नेता संदीप कुमार ने कहा कि रादौर में हैफेड द्वारा स्थापित सरकारी राइस मिल लंबे समय से बंद है, जबकि क्षेत्र में धान की खेती में बढ़ोतरी हुई है। मिल के बंद होने से किसानों को अपनी फसल बेचने में दिक्कत आती है, इसलिए इसे तुरंत चालू किया जाना चाहिए। ट्यूबवेल लोड बढ़ाने की स्कीम में मीटर लगाने की अनिवार्यता को भी हटाने की मांग की गई। किसानों ने सरकार से अपील की कि सभी मांगों पर प्राथमिकता के साथ विचार किया जाए और जल्द समाधान निकाला जाए।