Fake UK work visa: दंपति को 30 लाख में भेजा इंग्लैंड, वहां कंपनी में गए तो उड़े होश

हरियाणा के यमुनानगर के एक दंपति से इंग्लैंड भेजने के नाम पर 30 लाख रुपये ठगी हुई। उन्हें जो इंग्लैंड का वीजा व जॉब लेटर दिया गया था, वहां जाकर देखा तो वह फर्जी निकला।

Updated On 2025-07-16 18:01:00 IST

यमुनानगर में धोखाधड़ी की शिकायत लेकर एसपी से मिलने आए पीड़ित। 

विदेश भेजने के नाम पर ठगी : हरियाणा के यमुनानगर के एक परिवार से वर्क वीजा लगवाकर विदेश भेजने का सपना दिखा 30 लाख रुपये ठग लिए गए। मामला जिले के बिलासपुर इलाके से जुड़ा है, जहां के रहने वाले संजीव कुमार ने इस धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस अधीक्षक को सौंपते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। आरोप है कि आरोपियों ने न केवल झूठे दस्तावेज दिए, बल्कि विदेश पहुंचने के बाद जब हकीकत सामने आई तो पीड़ितों को धमकियां भी दी गईं।

इंग्लैंड भेजने के लिए बेची संपत्ति

बिलासपुर निवासी संजीव कुमार ने बताया कि उनकी बेटी दिव्यानी और दामाद राजेश वर्मा इंग्लैंड जाकर नौकरी करना चाहते थे। इसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने स्थानीय युवकों वैभव कक्कड़ और लव कक्कड़ से संपर्क किया, जो खुद को विदेश में नौकरी और वीजा लगवाने का एजेंट बताते हैं। इन दोनों के साथ मनदीप, संग्राम और जसबीर नामक अन्य व्यक्ति भी इस नेटवर्क में शामिल बताए गए हैं। संजीव कुमार के मुताबिक, आरोपियों ने भरोसा दिलाया कि वे इंग्लैंड की एक प्रतिष्ठित कंपनी में तीन साल का वर्क वीजा और स्थायी नौकरी दिलवाएंगे। इस भरोसे के चलते संजीव की समधन रानी देवी ने अपनी संपत्ति बेच दी और करीब 15 लाख रुपये नकद दिए। बाकी की रकम बैंक के जरिए ट्रांसफर की गई। कुल मिलाकर 30 लाख की रकम आरोपियों को अलग-अलग माध्यम से सौंपी गई।

वीजा नकली, कंपनी का पता भी फर्जी

संजीव ने बताया कि जब दिसंबर 2023 के आखिर में उनकी बेटी और दामाद इंग्लैंड पहुंचे तो वहां की वास्तविकता ने उनके होश उड़ा दिए। जिस कंपनी का वीजा और नियुक्ति पत्र उन्हें भारत में सौंपा गया था, उसका वहां कोई नामोनिशान नहीं था। जब इस बारे में आरोपियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कंपनी बदल गई है और नया वीजा भेज दिया गया है। लेकिन नए दस्तावेज भी संदिग्ध थे। इतना ही नहीं, जब परिवार ने रकम वापसी की मांग की तो उन्हें धमकियां मिलने लगीं। संजीव ने दावा किया कि आरोपियों ने उन्हें चेतावनी दी कि यदि उन्होंने ज्यादा जोर डाला तो इंग्लैंड में उनके दामाद और बेटी को झूठे केस में फंसवाकर जेल भिजवा देंगे या फिर उनकी जान को खतरा पैदा कर देंगे।

राजनीतिक संरक्षण के कारण कार्रवाई में देरी

पीड़ित परिवार का आरोप है कि पहले भी उन्होंने इस मामले को लेकर दो बार शिकायतें की थीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि आरोपियों के स्थानीय राजनीति में अच्छे संबंध हैं, जिस कारण मामले की जांच को जानबूझकर कमजोर किया गया और फाइलों में दबा दिया गया। अब संजीव कुमार ने जिले के पुलिस अधीक्षक से इस मामले में निष्पक्ष और वरिष्ठ स्तर से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी, धमकी और मानसिक उत्पीड़न जैसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए।

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