दम तोड़ने से पहले बोला किसान: बिल्डर कंपनी के बाउंसरों ने मेरे ऊपर डाला पेट्रोल, लगा दी आग
पानीपत में बिल्डर कंपनी के साथ चल रहा था जमीन का विवाद। किसान की पहचान निजामपुर निवासी बिजेंद्र संधू के रूप में हुई है। वह 28 साल से इस जमीन पर खेती कर रहे।
हरियाणा के पानीपत जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक किसान की जलने से मौत हो गई। आरोप है कि यह घटना एक बिल्डर कंपनी के साथ चल रहे जमीन विवाद का नतीजा है। किसान ने मरने से पहले दावा किया कि उसे कंपनी के बाउंसरों ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और न्याय की मांग तेज हो गई है।
कैसे घटी ये भयानक वारदात
मृतक किसान की पहचान निजामपुर निवासी बिजेंद्र संधू (55) के रूप में हुई है। उनके बेटे रोहित ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया कि उनका परिवार निजामपुर में पुरानी जमीन पर खेती करता आ रहा है। यह जमीन साल 1996 में बिजेंद्र संधू ने खरीदी थी और इसके सभी दस्तावेज उनके नाम पर हैं। वे करीब 28 साल से इस जमीन पर खेती कर रहे थे।
रोहित का आरोप है कि साल 2024 में तहसीलदार ने कथित तौर पर साठगांठ कर जमीन की निशानदेही की और फ्रंट की 2 एकड़ जमीन एक निजी बिल्डर कंपनी के नाम दिखा दी, जबकि पिछले हिस्से का मालिक बिजेंद्र को बताया। इतना ही नहीं, 6 माह के भीतर प्रशासन और पुलिस ने निशानदेही के आधार पर जमीन को कंपनी के नाम कर कब्जा दिलवाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी।
हाईकोर्ट का सहारा और कंपनी का उत्पीड़न
बिजेंद्र संधू ने पुलिस-प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली, जहां यह मामला अभी भी विचाराधीन है। रोहित ने बताया कि मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद भी कंपनी के कर्मचारी उनके पिता को लगातार परेशान कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन ने भी उनकी कोई सुनवाई नहीं की।
ट्यूबवेल का कमरा तोड़ा, बिजली के तार काटे
रोहित ने आगे बताया कि उनके पिता बिजेंद्र संधू खेत को लेकर कानूनी लड़ाई को अंत तक लड़ने के लिए दृढ़ थे, इसी वजह से उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस कानूनी लड़ाई के बीच कंपनी के लोगों ने रविवार (1 जून 2025) को उनके खेत पर बने ट्यूबवेल के कमरे को गिरा दिया। बिजेंद्र ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और कंपनी के लोगों को फिलहाल कब्जा लेने से रोका। इस घटना की लिखित शिकायत भी पुलिस को दी गई थी।
बिजेंद्र के रिश्तेदार नफे सिंह ने बताया कि सोमवार शाम करीब 5 बजे बिजेंद्र अपने खेत में काम कर रहा था। नफे सिंह ने बिजेंद्र को बताया था कि कंपनी के लोगों ने खेतों की बिजली के तार काट दिए हैं और उसे एसडीओ कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। इस पर बिजेंद्र ने कहा था कि वह खेत का काम निपटा कर ही शिकायत दर्ज करवाने जाएंगे।
रात में फिर कब्जे का प्रयास और भयानक अंत
रोहित ने बताया कि सोमवार शाम करीब 5 बजे वह अपनी दुकान पर बैठे थे। इसी दौरान उनके पिता बिजेंद्र का फोन आया। पिता ने बताया कि कंपनी के लोगों ने ट्यूबवेल भी उखाड़ दिया है और जब वह उन्हें रोकने का प्रयास कर रहे हैं तो उनके साथ झगड़ा कर रहे हैं। पिता ने रोहित से पुलिस को लेकर आने के लिए कहा। पिता का फोन आते ही रोहित ने पुलिस को सूचना दी और परिवार के अन्य लोगों के साथ खेत की तरफ दौड़ा।
रोहित के मुताबिक, जब तक वह मौके पर पहुंचता, कंपनी के लोग उसके पिता के साथ मारपीट कर रहे थे। आरोप है कि कंपनी के लोगों ने उसके पिता पर तेल डालकर आग लगा दी और फिर वहां से भाग गए। रोहित ने किसी तरह आग बुझाई, लेकिन तब तक बिजेंद्र बुरी तरह झुलस चुके थे।
कंपनी के लोगों ने मुझ पर पेट्रोल डालकर आग लगाई
रोहित तुरंत अपने पिता को लेकर पानीपत के अस्पताल पहुंचा, जहां से गंभीर हालत देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। बिजेंद्र को दिल्ली के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। मरने से पहले बिजेंद्र ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मुझ पर कंपनी के 3-4 लोगों ने पेट्रोल डालकर आग लगाई है।
बिजेंद्र के बेटे रोहित ने भी पुलिस को दिए बयान में कंपनी के कर्मचारियों पर अपने पिता को जलाकर मारने का आरोप लगाया है। फिलहाल, पुलिस ने बिजेंद्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
बयान के आधार पर होगी कार्रवाई
इस मामले में सेक्टर 13-17 थाना प्रभारी इंसपेक्टर राकेश कुमार ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार वाले जो बयान देंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि रविवार को दी गई ट्यूबवेल तोड़फोड़ की शिकायत में कोई कार्रवाई नहीं बनती थी, क्योंकि प्रशासनिक दस्तावेजों में कंपनी का कब्जा है और जमीन पर कोई स्टे भी नहीं है।