हरियाणा में सोलर क्रांति: 10 MW प्लांटों की सीमा हटी, 200 करोड़ रुपये के फंड से घर-घर मिलेगी सब्सिडी
हरियाणा सरकार ने अपने 2,000 मेगावाट सोलर एनर्जी के लक्ष्य को पाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब 10 मेगावाट तक के सोलर प्लांटों पर लगी नीतिगत सीमा हटा दी गई है, जिससे बड़े प्रोजेक्ट्स की राह आसान होगी।
हरियाणा में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देगी सरकार।
हरियाणा सरकार ने अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में एक बड़ा और क्रांतिकारी कदम उठाया है। राज्य ने सोलर एनर्जी उत्पादन के अपने महत्वाकांक्षी 2,000 मेगावाट के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई नीतिगत बदलाव किए हैं। इन बदलावों में सबसे महत्वपूर्ण है 10 मेगावाट (MW) के सोलर प्लांटों की स्थापना की समय सीमा में ढील देना। इस फैसले से बड़े सोलर प्लांट स्थापित करने में आ रही प्रशासनिक बाधाएं खत्म होंगी और निजी निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
रूफटॉप सोलर को बढ़ावा
हरियाणा सरकार ने रूफटॉप सोलर एनर्जी को घर-घर तक पहुंचाने के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता की घोषणा की है। सरकार 200 करोड़ रुपये का एक रिवॉल्विंग फंड स्थापित करने जा रही है। इस फंड का सीधा लाभ आम लोगों को मिलेगा। इसके माध्यम से प्रदेश में रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने वाले उपभोक्ताओं को ब्याज मुक्त एडवांस सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। यह कदम सोलर एनर्जी को न केवल पर्यावरण के अनुकूल, बल्कि आम लोगों के लिए किफायती बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
इसलिए सोलर एनर्जी पर हरियाणा का फोकस है
हरियाणा के लिए सौर ऊर्जा को प्राथमिकता देना कई मायनों में स्वाभाविक और आवश्यक है।
• 300 से अधिक धूप वाले दिन : हरियाणा में साल में 300 से अधिक दिन तेज धूप रहती है, जो सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए अत्यंत अनुकूल भौगोलिक स्थिति है। यहां की जलवायु और साफ आसमान अधिकतम सौर ऊर्जा उत्पादन सुनिश्चित करते हैं।
• आर्थिक बचत और सब्सिडी : सोलर प्लांट लगाने से घरों और व्यवसायों के बिजली बिलों में अच्छी खासी कमी आती है, जिससे उपभोक्ताओं को सीधा आर्थिक लाभ होता है। इसे बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना और हरियाणा सौर नीति जैसी योजनाओं में सब्सिडी दे रही है।
• ऊर्जा आत्मनिर्भरता : सौर ऊर्जा को अपनाने से राज्य अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अधिक आत्मनिर्भर बन रहा है और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हो रही है।
• कृषि अपशिष्ट का उपयोग : राज्य अपनी कृषि प्रधानता का लाभ उठाकर पराली जैसे कृषि अपशिष्टों से भी बिजली उत्पादन करने की योजना बना रहा है, जिससे दोहरी पर्यावरणीय समस्या का समाधान होगा।
सरकारी भवनों का डिजिटलीकरण
राज्य ने घोषणा की है कि 31 दिसंबर तक सभी सरकारी भवनों को सौर ऊर्जा से लैस कर दिया जाएगा। अब तक राज्य के 4,523 सरकारी भवनों का सर्वे किया गया है, जिनमें कुल 122 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता पहचानी गई है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना
राज्य सरकार ने 2026-27 तक प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 2.2 लाख रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने का बड़ा लक्ष्य रखा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) एके सिंह के अनुसार, अब तक हरियाणा में 30,631 रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जा चुके हैं।
दोहरी सब्सिडी की व्यवस्था और प्रोत्साहन
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बताया कि सरकार सौर ऊर्जा को किफायती बनाने के लिए दोहरी सब्सिडी की व्यवस्था कर रही है। इसमें केंद्रीय वित्तीय सहायता शामिल है, जो स्थापना की स्वीकृति के 15 दिनों के भीतर सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है।
बिजली वितरण कंपनियां (DISCOMs) भी सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाओं पर काम कर रही हैं। इसके अलावा पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को 75% तक की सब्सिडी पर सौर ऊर्जा से चलने वाले नलकूप (पंप) दिए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार का यह नीतिगत और वित्तीय बदलाव राज्य को न केवल अपने 2,000 मेगावाट के लक्ष्य तक पहुंचाएगा, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में पारदर्शिता और स्थिरता सुनिश्चित करेगा।
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