हरियाणा में बदलेगी 2010 की गैस पॉलिसी: नई सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन व वितरण पॉलिसी आएगी, बढेगी प्रतिस्पर्धा

सरकार 2020 की गैस पॉलिसी में बदलाव कर प्रदेश में जल्द नई सीजीडी नीति लागू करने की तैयारी में है। इससे ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी व ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा।

Updated On 2025-11-27 20:13:00 IST

अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी। 

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में 2010 की प्राकृतिक गैस पाइप लाइन और वितरण नेटवर्क में बलदाव कर नई सीजीडी लागू करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में प्राकृतिक गैस अवसंरचना के विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से एक आधुनिक और निवेशक-हितैषी सिटी गैस वितरण पॉलिसी तैयार की जा रही है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को समीक्षा बैठक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) से प्राप्त सुझावों को शामिल करने के निर्देश दिए, ताकि नई नीति राष्ट्रीय मानकों व उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप हो।

प्रदेश की ऊर्जा सुरक्षा होगी मजबूत

मुख्य सचिव ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि नई सीजीडी पॉलिसी से प्रदेश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। इससे हरियाणा स्वच्छ एवं सतत ऊर्जा अवसंरचना के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा। इससे प्राकृतिक गैस पाइपलाइन और वितरण नेटवर्क में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र से निवेश के नए अवसर खुलने की उम्मीद है। इसमें पाइपलाइन अवसंरचना के निर्माण के लिए अनुकूल वातावरण तैयार होगा। इससे निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित होगी तथा पहुंच और सुरक्षा से जुड़े उपभोक्ता हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। सीजीडी नेटवर्क के विस्तार से राज्य को उद्योगों व घरेलू उपभोक्ताओं में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देकर कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम

मुख्य सचिव ने कहा कि ड्राफ्ट सीजीडी पॉलिसी-2025 में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड द्वारा अधिकृत कंपनियां सिंगल-विंडो पोर्टल www.investharyana.in से राइट ऑफ यूज़ (आरओयू) और राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) अनुमति लें सकेंगी। आवेदकों को कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म के साथ जीआईएस-आधारित रूट मैप, कार्य योजना, भूमि विवरण तथा उपयोग की जाने वाली तकनीक, जैसे एचडीडी, ट्रेंचलेस बोरिंग या ओपन ट्रेंचिंग—का विवरण प्रस्तुत करना होगा। नीति में शुल्क संरचना को पारदर्शी बनाया गया है और सभी वित्तीय प्रक्रियाओं को सरल करते हुए निर्धारित शुल्क स्पष्ट रूप से परिभाषित किए गए हैं।

2010 की पॉलिसी में होगा बदलाव

मुख्य सचिव ने कहा कि उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि नई नीति, एचएसआईआईडीसी द्वारा वर्ष 2010 में बनाई गई सीजीडी नीति का अद्यतन रूप है, जिसमें आधुनिक तकनीकी और प्रशासनिक आवश्यकताओं को शामिल किया गया है। नई नीति के क्रियान्वयन और सभी हितधारक विभागों के समन्वय के लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।

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