हरियाणा सरकार का फैसला: स्कूलों के पास नशीले पदार्थों की बिक्री पर लगाया प्रतिबंध, उल्लंघन किया तो होगा ये एक्शन
सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाचार्यों और अन्य संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले स्कूलों के 100 गज के दायरे में नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
स्कूलों के पास नशीले पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध।
आज के समय में युवाओं का भविष्य सबसे महत्वपूर्ण है। देश की प्रगति और विकास उनके हाथों में है, लेकिन आजकल युवा वर्ग में नशे की लत एक गंभीर समस्या बन चुकी है। इस समस्या से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में हरियाणा के शिक्षा निदेशालय ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके अनुसार राज्य के सभी स्कूलों के 100 गज के दायरे में तंबाकू, गुटखा और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। यह फैसला हमारे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सुरक्षित और स्वच्छ शैक्षणिक माहौल मिलेगा
नशीले पदार्थों और तंबाकू की लत अक्सर कम उम्र में शुरू होती है, खासकर स्कूल के दिनों में। स्कूलों के पास आसानी से इन चीजों का उपलब्ध होना बच्चों को इन्हें खरीदने और इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस लत का सीधा असर उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक विकास पर पड़ता है। इस प्रतिबंध का उद्देश्य बच्चों को इस तरह के हानिकारक उत्पादों से दूर रखना और उन्हें एक सुरक्षित और स्वच्छ शैक्षणिक माहौल देना है। हरियाणा सरकार का यह फैसला न सिर्फ एक कानूनी कदम है, बल्कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है, जिससे हमारे युवाओं को एक बेहतर भविष्य मिल सके।
सर्कुलर के मुख्य बिंदु
राज्य शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी इस परिपत्र में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं। आइए इन पर एक नजर डालते हैं।
1. सख्त निगरानी : सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, खंड संसाधन केंद्रों और प्रधानाचार्यों/मुख्याध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधीन आने वाले स्कूलों के 100 गज के दायरे में तंबाकू, गुटखा और नशीले पदार्थों की बिक्री से संबंधित सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें। यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है कि इस नियम का कड़ाई से पालन हो।
2. तुरंत कार्रवाई : परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो इसकी सूचना तुरंत ग्राम पंचायत और निकटतम पुलिस अधिकारी/कर्मचारी को दी जाए। इसके बाद तंबाकू, गुटखा और अन्य पदार्थों की बिक्री को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
3. शिक्षा संस्थानों की भूमिका : स्कूलों के प्रमुखों को इस नियम को लागू करने में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्हें अपने स्टाफ और छात्रों को इस प्रतिबंध के बारे में जागरूक करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके स्कूल के आस-पास कोई भी ऐसी दुकान न हो जो इन पदार्थों को बेचती हो।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी पहलें
यह पहली बार नहीं है जब हरियाणा सरकार ने नशे के खिलाफ इतना सख्त रुख अपनाया है। पिछले साल, 2024 में हरियाणा विधानसभा ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध तथा व्यापार एवं वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) हरियाणा संशोधन विधेयक 2024 पारित किया था। इस विधेयक के तहत राज्य में हुक्का बार खोलने और चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इस कानून की धारा 21-ए के अनुसार जो लोग इस नियम का उल्लंघन करते हैं, उन्हें एक साल तक की कैद, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है और उसके साथ एक लाख रुपये का जुर्माना भी भरना होगा, जिसे पांच लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। ये कदम दिखाते हैं कि हरियाणा सरकार राज्य को नशे से मुक्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
सिर्फ नशा ही नहीं, अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान
नशे के खिलाफ लड़ाई के साथ-साथ हरियाणा सरकार अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी लगातार काम कर रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा था कि सरकार का लक्ष्य कृषि को सिर्फ जीविका का साधन नहीं, बल्कि एक स्थायी और लाभदायक व्यवसाय बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार खेती से लेकर उपज की बिक्री तक, हर स्तर पर किसानों की मदद कर रही है।
इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 20वें CII भारत-अफ्रीका व्यापार सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और अफ्रीका कृषि, कौशल विकास, शिक्षा और डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं जैसे कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा अपने कृषि क्षेत्र में जिन नई तकनीकों का उपयोग कर रहा है, उन्हें अफ्रीका में भी दोहराया जा सकता है। ये सभी पहलें दर्शाती हैं कि हरियाणा सरकार सिर्फ एक क्षेत्र में नहीं, बल्कि सर्वांगीण विकास पर ध्यान दे रही है, जिससे राज्य के लोगों का जीवन बेहतर हो सके।
बच्चे गलत रास्ते पर जाने से बचेंगे
हरियाणा सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम न केवल कानूनी रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सामाजिक रूप से भी इनका गहरा असर होगा। स्कूलों के पास से तंबाकू और नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने से एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज की नींव रखी जाएगी। यह बच्चों को एक बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित करेगा और उन्हें गलत रास्ते पर जाने से रोकेगा। हालांकि, सिर्फ सरकार के कानून बनाने से यह समस्या हल नहीं होगी। इसमें समाज के हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी है।
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