हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: ग्रुप-D कर्मचारियों को जॉइनिंग में देरी के बदले मिलेगी पूरी सैलरी
फैसले से 13,536 कर्मचारियों को फायदा होगा। उन्हें HHRMS पोर्टल में तकनीकी खराबी और पदों के खाली न होने के कारण जॉइनिंग में दिक्कत आ रही थी। रिलीव होने और नई जगह जॉइन करने के बीच के समय की सैलरी नहीं मिल पा रही थी।
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हरियाणा सरकार ने ग्रुप-D के उन हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है जिनकी नौकरी जॉइन करने में तकनीकी कारणों से देरी हो रही थी। सरकार ने अब साफ कर दिया है कि कर्मचारियों को रिलीविंग डेट से ही नौकरी में माना जाएगा और जॉइनिंग में देरी के कारण रुकी हुई सैलरी भी उन्हें एक साथ मिल जाएगी। इस फैसले से लगभग 13,536 कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा, जिन्हें लंबे समय से सैलरी न मिलने के कारण आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
कर्मचारियों की मुख्य दिक्कत
साल 2023 में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने ग्रुप-D के 13,536 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। इन पदों के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) भी हुआ था। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद 24 दिसंबर 2024 को इन कर्मचारियों को पोस्टिंग दी गई। लेकिन, इसके बाद कर्मचारियों को दो मुख्य समस्याओं का सामना करना पड़ा।
1. जॉइनिंग में देरी : बहुत से कर्मचारियों को नए विभागों में जॉइन करने में दिक्कत आ रही थी। इसका कारण यह था कि हरियाणा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (HHRMS) पोर्टल पर विभागों में पद खाली नहीं दिख रहे थे, या पद के नाम में कुछ तकनीकी गड़बड़ी थी। इसकी वजह से कर्मचारियों को पुराने ऑफिस से तो रिलीव कर दिया गया था, लेकिन नए विभाग में जॉइनिंग नहीं मिल पा रही थी।
2. रुकी हुई सैलरी : रिलीव होने और जॉइन करने के बीच जो समय का गैप था, उस दौरान की सैलरी कर्मचारियों को नहीं मिल पा रही थी, 9 अप्रैल 2025 को सरकार ने भले ही इन कर्मचारियों को उसी जिले में कहीं और नौकरी देने का आदेश दिया, लेकिन बीच के समय की सैलरी का मुद्दा जस का तस बना हुआ था। इस वजह से कई कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
सरकार ने समाधान निकालने के निर्देश दिए
कर्मचारियों की समस्याओं को देखते हुए हरियाणा सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और मानव संसाधन विभाग को इसका समाधान निकालने के निर्देश दिए। इसके बाद विभाग ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।
1. रिलीविंग डेट ही जॉइनिंग डेट : सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों को पुराने ऑफिस से जिस दिन रिलीव किया गया था, उसी तारीख को उनकी जॉइनिंग डेट माना जाएगा। इससे उनकी नौकरी पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।
2. रुकी हुई सैलरी मिलेगी : कर्मचारियों को रिलीव होने और नए ऑफिस में जॉइन करने के बीच के समय की भी सैलरी मिलेगी। यह सैलरी एक साथ जारी की जाएगी, जिससे कर्मचारियों की आर्थिक दिक्कतें दूर होंगी।
3. आदेश का सख्ती से पालन : मानव संसाधन विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को इन आदेशों का तत्काल और सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। इसे अत्यंत आवश्यक श्रेणी में रखा गया है।
मुख्यमंत्री के सामने रखी गई थी मांग
यह मामला थोड़ा अलग था, क्योंकि ये नई नियुक्तियां थीं, इसलिए कर्मचारी यूनियनों का इसमें सीधा हस्तक्षेप नहीं था। आमतौर पर ऐसे मामलों में यूनियनें कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन इस बार कर्मचारी सीधे तौर पर अपनी बात सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे।
कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं और सैलरी से जुड़ी दिक्कतों को सीधे मुख्यमंत्री नायब सैनी और अन्य सरकारी माध्यमों से सरकार के सामने रखा। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को समझा और तुरंत मानव संसाधन विभाग को इस मुद्दे का समाधान निकालने के निर्देश दिए। सरकार की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का ही यह नतीजा है कि आज यह राहत भरा आदेश जारी हो पाया है। यह फैसला ना सिर्फ इन कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकार अपने कर्मचारियों के हितों के प्रति कितनी सजग है।