हरियाणा में आयुष्मान योजना पर संकट: सरकार ने जारी किए 300 करोड़ रुपये, फिर भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी
IMA का कहना है कि सरकार पर अभी भी निजी अस्पतालों के 400 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। एसोसिएशन ने भुगतान में लगातार हो रही देरी और विश्वास की कमी को मुख्य मुद्दा बताया है।
हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना पर संकट के बादल मंडरा रहे।
हरियाणा में आयुष्मान भारत-आयुष्मान हरियाणा योजना पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की चेतावनी के बाद, सरकार ने भले ही निजी अस्पतालों के लंबित बिलों के 300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी कर दी है, लेकिन आईएमए ने अभी तक अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान नहीं किया है। IMA ने 7 अगस्त से आयुष्मान कार्ड धारकों को स्वास्थ्य सेवाएं देना बंद करने की चेतावनी दी है। यह पूरा मामला भुगतान में देरी और अनियमितता से जुड़ा है, जिससे हरियाणा के लाखों आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज पर सीधा असर पड़ सकता है।
सरकार की कार्रवाई, पर आईएमए का रुख सख्त
आईएमए हरियाणा के अध्यक्ष डॉ. महावीर पी. जैन ने सरकार के इस कदम पर कहा है कि सरकार यह चाहती है कि निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करें, लेकिन जब महीनों तक भुगतान अटका रहता है, तो अस्पतालों को अपने खर्च चलाने, डॉक्टरों और कर्मचारियों को वेतन देने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डॉ. जैन ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही 310 करोड़ रुपये अभी जारी किए गए हों, लेकिन असली समस्या भुगतान की देरी और अविश्वसनीय चक्र है। इसी वजह से आईएमए ने सरकार के इस कदम के बावजूद अपना फैसला वापस नहीं लिया है।
400 करोड़ का बकाया और धोखाधड़ी का आरोप
आईएमए के पदाधिकारियों ने खुलासा किया है कि सरकार द्वारा 300 करोड़ रुपये जारी करने के बाद भी, अभी भी निजी अस्पतालों का 400 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान बकाया है। हरियाणा में इस योजना के तहत लगभग 650 निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं। 29 जुलाई को, आईएमए ने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने बकाया भुगतान नहीं किया, तो ये सभी अस्पताल 7 अगस्त से आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज बंद कर देंगे।
वहीं, दूसरी तरफ, हरियाणा के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल ने स्वीकार किया है कि इस योजना में दुरुपयोग के कई मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि तिमाही भुगतान जारी होने की पुष्टि हो चुकी है और यह जल्द ही अस्पतालों तक पहुंच जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि धोखाधड़ी की रिपोर्ट मिलने के कारण दावों के निपटारे में देरी हुई है, जिसकी वजह से भुगतान रुक गया था।
योजना की स्थिति और सरकार का पक्ष
हरियाणा में 1.35 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान भारत कार्ड जारी किए गए हैं। इन कार्डों के तहत 3,990 करोड़ रुपये के 26.25 लाख से अधिक अस्पताल में भर्ती होने की मंजूरी दी गई है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव ने लोकसभा में बताया कि केंद्र सरकार ने 60:40 के फंडिंग मॉडल के तहत 607.73 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि योजना का दुरुपयोग रोकने के लिए दावों का निपटारा उचित सत्यापन के बाद आदर्श रूप से 15-30 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए। हालांकि, आईएमए का मानना है कि भुगतान में इतनी लंबी देरी डॉक्टरों और अस्पतालों के लिए मुश्किल खड़ी कर रही है।
फिलहाल, सरकार द्वारा भुगतान जारी करने के बाद भी, आईएमए के हड़ताल वापस न लेने के फैसले से हरियाणा के आयुष्मान कार्ड धारकों के बीच अनिश्चितता का माहौल है। सभी की निगाहें 7 अगस्त पर टिकी हैं कि क्या इस संकट का कोई समाधान निकल पाएगा या फिर मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा।