हरियाणा GPF अलर्ट: रिटायरमेंट से 6 महीने पहले एडवांस पर रोक

सरकार ने सभी संबंधित अधिकारियों को हरियाणा सिविल सेवा नियम 2016 का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य जीपीएफ के अंतिम भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू बनाना है।

Updated On 2025-08-20 14:51:00 IST

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। 

हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए सामान्य भविष्य निधि (GPF) एडवांस के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। यह बदलाव पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है। नए नियमों के अनुसार अब किसी भी कर्मचारी को उसकी सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) से ठीक छह महीने पहले तक कोई भी जीपीएफ एडवांस नहीं दिया जाएगा। यह एक ऐसा कदम है जिसका सीधा असर उन कर्मचारियों पर पड़ेगा जो अपनी सेवा के अंतिम पड़ाव पर हैं।

सभी प्रशासनिक सचिवों को नए नियम बताए गए

हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी एक पत्र में सभी प्रशासनिक सचिवों को इस नए नियम के बारे में निर्देश दिए गए हैं। नए आदेशों के तहत रिटायरमेंट से 6 महीने पहले की अवधि में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के जीपीएफ एडवांस को मंज़ूरी नहीं दी जाएगी। इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण निर्देश यह है कि कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की तारीख से ठीक 12 महीने पहले तक स्वीकृत किए गए सभी एडवांस या निकासी की जानकारी उनके सेवा रिकॉर्ड में अनिवार्य रूप से दर्ज की जानी चाहिए। साथ ही इन जानकारियों का संबंधित प्रशासनिक विभाग द्वारा प्रमाणित किया जाना भी जरूरी है। यह नियम उन अनियमितताओं को रोकने के लिए बनाया गया है जो अक्सर जीपीएफ के अंतिम भुगतान से जुड़े मामलों में देखने को मिलती हैं।

भुगतान में गड़बड़ी रोकने को उठाया कदम

वित्त विभाग के संज्ञान में यह आया था कि कुछ प्रशासनिक विभाग और डीडीओ (Drawing and Disbursing Officers) जीपीएफ के अंतिम भुगतान मामलों को महालेखाकार कार्यालय में भेजने के बाद भी कर्मचारियों को एडवांस दे रहे थे। इससे भुगतान में गड़बड़ी और ज़्यादा भुगतान की संभावना बढ़ जाती थी, जिससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हो सकता था। इसके अलावा कई मामलों में यह भी पाया गया कि जीपीएफ अंतिम भुगतान से जुड़े फॉर्म (PF-09 और PF-10) में आवश्यक जानकारी, खासकर रिटायरमेंट से पहले के 12 महीनों की अवधि का विवरण, सही तरीके से नहीं भरा जा रहा था और न ही इसे प्रशासनिक विभाग द्वारा प्रमाणित किया जा रहा था।

समस्या की जड़ सरकारी पोर्टलों में डेटा के इंटीग्रेशन की कमी भी है। जीपीएफ अंतिम भुगतान का काम ऑनलाइन डायरी मैनेजमेंट सिस्टम (ODMS) के माध्यम से किया जाता है, जबकि एडवांस और आहरण का काम सरकार के ई-बिलिंग पोर्टल पर होता है। इन दोनों प्रणालियों के बीच डेटा का एकीकरण न होने और कुछ अधिकारियों द्वारा निर्देशों का पालन न करने के कारण यह समस्या बार-बार सामने आ रही थी।

पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

सरकार ने इस पूरे विषय को बेहद गंभीरता से लिया है। इसलिए, सभी खजाना अधिकारियों और डीडीओ को हरियाणा सिविल सेवा (जीपीएफ) नियम, 2016 का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम न केवल राज्य को संभावित वित्तीय नुकसान से बचाएगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों का अंतिम जीपीएफ भुगतान बिना किसी देरी और जटिलता के सही तरीके से हो। यह नया नियम वित्तीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने और नियमों का व्यवस्थित तरीके से पालन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

Tags:    

Similar News