हरियाणा में मनमानी खत्म: ड्रिंक-ड्राइव पर अब कोई चालान नहीं, सीधे जेल भेजा जाएगा, DGP ने दिया सख्त आदेश

इसके अलावा सभी पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र में ब्लाइंड स्पॉट की पहचान करेंगे। घायल को 30 मिनट के भीतर अस्पताल पहुंचाना अनिवार्य है। नियमों का पालन सुनिश्चित करने वाले अफसरों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा।

Updated On 2025-11-10 16:07:00 IST

हरियाणा में ड्रिंक-ड्राइव पर अब चालान नहीं जेल होगी। 

हरियाणा में लगातार बढ़ते सड़क हादसों और उनमें हो रही मौतों को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अब कड़ा रुख अपना लिया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओपी सिंह ने ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। डीजीपी ने इन हादसों को "मानव-निर्मित आपदा" बताते हुए कहा है कि अब से हर हादसे की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

इस साल अब तक 4000 से अधिक मौतें

डीजीपी ओपी सिंह ने अपने आदेश में सड़क दुर्घटनाओं के भयावह आंकड़ों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनके अनुसार इस साल जनवरी से अक्टूबर तक की अवधि में हरियाणा में सड़क हादसों में 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। यह चौंकाने वाला आंकड़ा इसी अवधि में हुई हत्या से होने वाली मौतों की संख्या से पांच गुना अधिक है। डीजीपी ने इसे एक ऐसी आपदा बताया है, जिसे केवल मानवीय प्रयासों से कम किया जा सकता है। उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों से सड़क दुर्घटना में हो रहे जानी नुकसान को कम करने के लिए भगीरथ प्रयास करने की अपील की है।

नशे और ओवरस्पीडिंग पर जीरो टॉलरेंस

सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण, नशे में ड्राइविंग और तेज रफ्तार, पर डीजीपी ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आदेश दिया है। डीजीपी ने निर्देश दिया है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले दोषी चालकों को सीधे 15 से 20 दिन की जेल भेजा जाए। जहां ओवरस्पीडिंग की संभावना है, वहां इफेक्टिव नाके लगाकर बिना किसी संकोच के चालान ठोंकने को कहा गया है। डीजीपी ने हाईवे पर स्थित शराब के ठेकों के आसपास शाम के समय ड्यूटी लगाने को कहा है। पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि शराब खरीदने वाला ड्राइवर पीकर गाड़ी न चलाए। इसके अलावा, ठेकों पर हिंदी में जागरूकता स्टिकर लगाने का भी निर्देश दिया गया है।

ब्लाइंड स्पॉट, धुंध और सड़कों पर जिम्मेदारी

डीजीपी ने सभी अधिकारियों को अपने थाना क्षेत्र में ब्लाइंड स्पॉट और एक्सीडेंट हॉटस्पॉट की तुरंत पहचान करने और वहां सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है। सर्दियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए धुंध को लेकर भी विशेष निर्देश दिए गए हैं।

1. खड़ी गाड़ियों पर सख़्ती : सड़कों पर खराब होकर खड़ी गाड़ियों को तुरंत हटवाया जाएगा। जब तक वे हट नहीं जातीं, तब तक रिफ्लेक्टिव टेप वाले कोन लगाए जाएँगे, ताकि हादसों से बचा जा सके।

2. धुंध में जवाबदेही: डीजीपी ने चेतावनी दी है कि सर्दियों में धुंध के दौरान सड़क पर खड़ी गाड़ी जानलेवा साबित होती है। यदि किसी इलाके में ऐसी टक्कर होती है, तो संबंधित अधिकारी की कोताही मानी जाएगी।

सड़क निर्माण विभाग और ट्रक ऑपरेटर भी घेरे में

डीजीपी ने अब सड़क निर्माण विभाग को भी हादसों की जिम्मेदारी लेने को कहा है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे विभाग से मिलकर आवश्यक साइनेज बोर्ड लगवाएं और मनमाने कट्स बंद कराएं।

सबसे महत्वपूर्ण यह है कि डीजीपी ने स्पष्ट कहा है कि एक्सीडेंट के बड़े मामलों में डिजाइन में इंजीनियरिंग फाल्ट की भी जांच की जाएगी और समय रहते रोकथाम के लिए कदम न उठाने पर उनकी आपराधिक जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। इसके अलावा, ट्रक ऑपरेटरों को प्रशिक्षित ड्राइवर रखने और उन्हें पर्याप्त आराम देने की प्रथा सुनिश्चित करने को कहा गया है ताकि थकान के कारण दुर्घटना न हो।

घायल को 30 मिनट के भीतर नजदीकी अस्पताल पहुंचाना होगा

डीजीपी ने यह भी अनिवार्य कर दिया है कि हादसे में घायल किसी भी व्यक्ति को 30 मिनट के भीतर नजदीकी अस्पताल पहुंचाना होगा ताकि उसका सही इलाज समय पर हो सके।

सकारात्मकता बनाए रखने के लिए, डीजीपी ने पुरस्कार की नीति भी घोषित की है। जिन थाना क्षेत्रों में पिछले साल नवंबर-दिसंबर की तुलना में सड़क हादसों और मौतों में कमी आएगी, वहां के अधिकारियों को गणतंत्र दिवस पर आयोजित होने वाले "बड़ा खाना" कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।

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