MHA ने दिया हरियाणा सरकार को झटका: लेटर लिख आईपीएस कैडर स्ट्रेंथ रि-शेड्यूल प्रस्ताव लौटाया, अफसरों के प्रमोशन पर भी उठाया सवाल 

Haryana IPS Promotion: हरियाणा सरकार द्वारा भेजे गए आईपीएस कैडर स्ट्रेंथ रि-शेड्यूल प्रस्ताव को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वापस भेज दिया।

Updated On 2024-05-17 17:22:00 IST
हरियाणा आईपीएस कैडर स्ट्रेंथ रि-शेड्यूल प्रस्ताव।

Haryana IPS Promotion: हरियाणा सरकार को बड़ा झटका देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस कैडर स्ट्रेंथ रि-शेड्यूल पर ऑब्जेक्शन लगाकर उसे वापस कर दिया। राज्य सरकार ने एमएचए को इसे लेकर प्रस्ताव भेजा था। जिसे सरकार की ओर से पिछले दो साल से आईपीएस कैडर स्ट्रेंथ रि-शेड्यूल्ड नहीं करवा पा रही है।

गृह मंत्रालय ने दिया पुराने लेटर का हवाला

पहले तो राज्य सरकार की ओर से इसके लिए प्रस्ताव ही नहीं भेजा गया था। लेकिन जब प्रस्ताव भेजा तो गृह मंत्रालय ने कई सवाल उठाते हुए मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद को लेटर भेजकर पुराने लेटर का हवाला देते हुए लिखा है कि इफेक्टिव प्लानिंग के बाद ही प्रपोजल भेजें, क्योंकि एमएचए की ओर से लेटर भेजे भी तीन महीने हो गए हैं, लेकिन गृह मंत्रालय के अनुरूप प्रस्ताव अभी तक नहीं गया है। साथ ही गृह मंत्रालय राज्य सरकार से बार-बार यह भी पूछ रहा है कि एक्स कैडर पदों पर अधिक अफसरों की प्रमोशन बिना सहमति कैसे की जा रही है।

हरियाणा सरकार से पूछे गए ये सवाल

गृह मंत्रालय ने लेटर में सवाल किया कि राज्य सरकार सीनियर ड्यूटी पोस् के स्वीकृत 79 पदों के विरुद्ध 55 और स्टेट डेपुटेशन रिजर्व कोटे के स्वीकृत 19 पदों के विरुद्ध 38 एसडीआर पद संचालित कर रही है । वहीं एसडीआर कोटे के 19 पदों का अधिक उपयोग कर रही है, जबकि एसडीपी के 24 पद खाली है। कृपया एसडीआर कोटे के विरुद्ध 19 पदों का अधिक उपयोग करने के कारण बताया जाए। इसके अलावा भी मंत्रालय ने राज्य सरकार से कई सवाल किए और उनके जवाब भी मांगे है।

गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में लिखी कि आईपीएस के हरियाणा कैडर की पावर और स्ट्रक्चर के रिव्यू के संबंध में हरियाण सरकार के 19 फरवरी, 2024 के भेजे गए मेमो और इस मंत्रालय के 12 मार्च, 2024 को भेजे गए पत्र का संदर्भ लेने का आग्रह है। आईपीएस के हरियाणा कैडर की ताकत और संरचना की समीक्षा के लिए संशोधित प्रस्ताव भी अभी नहीं भेजा गया है।

इसलिए राज्य सरकार से अनुरोध किया जाता है कि वह इस मामले में स्पष्टीकरण और दस्तावेज जमा कराए। पांच साल के परिप्रेक्ष्य के साथ कैडर स्ट्रक्चर की साइंटिफिक और इफेक्टिव प्लानिंग के बाद इस  प्रपोजल में बदलाव कर के इसे फिर से तैयार कर के हमे भेजें।

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डीजीपी को भी भेजी गई लेटर की कॉपी

बता दें कि मंत्रालय ने दोनों ही लेटर की कॉपी डीजीपी को भी भेजा है। लेकिन अभी तक प्रस्ताव में बदलाव कर गृह मंत्रालय को नहीं भेजा गया है। एक बार तत्कालीन डीजीपी पीके अग्रवाल के समय प्रस्ताव भेजा गया था, उस समय भी इस प्रस्ताव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया था।

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