Haryana Nikay Chunav 2025: हरियाणा निकाय चुनाव में EVM पर नहीं लगेगी VVPAT मशीनें, चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने बताई वजह

Haryana Nikay Chunav 2025: हरियाणा में निकाय चुनाव के दौरान इस बार EVM के साथ वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रॉयल (VVPAT) मशीन नहीं लगी होगी। इसे लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने जानकारी दी है।

Updated On 2025-02-26 12:21:00 IST
हरियाणा निकाय चुनाव 2025

Haryana Nikay Chunav 2025: हरियाणा में निकाय चुनाव 2 मार्च से होंगे। निकाय चुनाव में वोटिंग EVM से की जाएगी। लेकिन वोटर यह नहीं देख पाएंगे कि वोट उसी को मिला, जिसे उन्होंने दिया है। इस बार चुनाव में EVM के साथ वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रॉयल (VVPAT) मशीन नहीं लगी होगी। जिसकी वजह से वोटर को वोट डालने के बाद 7 सेकेंड तक नजर आने वाली स्लिप नहीं दिखाई देगी। इस बारे में  मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

EVM पर क्यों नहीं लगेंगी VVPAT मशीनें ?

मुख्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह का कहना है कि आयोग की ओर से जिन EVM से निकाय चुनाव में वोटिंग कराई जाएगी, उनमें VVPAT मशीनें नहीं लग सकती हैं। इस बारे में राजनीतिक पार्टियों को भी बता दिया गया है। इन EVM पर VVPAT मशीनें इसलिए नहीं लगाई जा रही है क्योंकि हरियाणा निर्वाचन आयोग ने जून 2020 में भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को लेटर लिखा था।

लेटर के माध्यम से हरियाणा निर्वाचन आयोग ने 2020 में ECI से  निकाय और पंचायत चुनाव के लिए 3 मॉडल की 45 हजार EVM बिना VVPAT के मांगी थी। जिसके बाद  ECI ने जवाब दिया था कि केवल M2 मॉडल वाली (पुराना मॉडल) EVM ही लोन आधार पर राज्य आयोग को दिया जा सकता है। इसके अलावा यह भी बताया गया था कि पॉलिसी के तहत राज्य निर्वाचन आयोगों को M3 मॉडल की EVM नहीं दी जाती है।

VVPAT कैसे काम करता है ?

जब देश में EVM से चुनाव होने लगे तो रिजल्ट पर काफी विवाद होने लगा। जिसके बाद पार्टियों ने भी  EVM की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए। जिसके बाद चुनाव आयोग ने इस समस्या के निदान के लिए VVPAT लेकर आया था। VVPAT मशीन को EVM के साथ कनेक्ट कर दिया जाता है।  जब वोटर EVM का बटन दबाता है तो बीप की आवाज आती है और साथ में लगी VVPAT मशीन में प्रिंट होकर एक पर्ची दिखाई देने लगती है। पर्ची पर उस पार्टी की चुनाव चिह्न होता है जिसे वोटर वोट देता है। VVPAT मशीन में लगे ग्लास विंडो में यह स्लिप लगभग 7 सेकेंड तक नजर आती है। इसके बाद यह स्लिप मशीन के नीचे लगे कंपार्टमेंट में गिर जाती है।

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हाईकोर्ट के एडवोकेट ने क्या बताया ?

निकाय कानूनों के जानकार और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार का कहना है कि साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी बनाम ECI केस में दिए फैसले में EVM के साथ VVPAT की व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया गया था। ताकि निष्पक्ष और विश्ववसनीय तरीके से चुनाव हो सके।

एडवोकेट हेमंत के अनुसार हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग को देश के संविधान के अनुच्छेद 243 (K) और (Z-A) में प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनावों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण संबंधी  शक्तियां मिली हुई  हैं। इसलिए, वह खुद अपने स्तर पर भी M3 मॉडल  VVPAT वाली EVM केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसियों से स्थायी तौर पर खरीद सकता है।

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