Child Marriage: करनाल में छोटी लड़की निकली नाबालिग, CWC ने शादी रुकवाई, बड़ी बहन को मिली अनुमति

CWC चेयरमैन को मिली गुप्त सूचना, जांच में लड़की की उम्र 18 साल से कम पाई गई। परिवार ने अब शादी रोकने और लड़की के बालिग होने तक इंतजार करने का लिखित आश्वासन दिया है।

Updated On 2025-06-15 17:51:00 IST

हरियाणा के करनाल जिले के बांसा गांव में एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिग लड़की की शादी को उसके बालिग होने से महज 18 दिन पहले चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) की टीम ने रुकवा दिया। शादी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और बारात आने ही वाली थी लेकिन समय रहते टीम ने मौके पर पहुंचकर लड़की को रेस्क्यू कर लिया। यह कार्रवाई बाल विवाह रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सूचना पर हरकत में आई टीम

यह घटना रविवार को तब सामने आई जब बांसा गांव में दो बहनों की शादी एक ही दिन होनी थी। इसी दौरान चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के चेयरमैन उमेश चानना को गोपनीय सूचना मिली कि जिन दो लड़कियों की शादी हो रही है, उनमें से एक अभी नाबालिग है। सूचना मिलते ही CWC की टीम तुरंत हरकत में आई और पुलिस बल के साथ गांव पहुंच गई। टीम के पहुंचने तक बारात नहीं आई थी, जिससे उन्हें समय पर कार्रवाई करने का मौका मिल गया। मौके पर पहुंचते ही, टीम ने सबसे पहले छोटी लड़की के जन्म प्रमाण पत्र और 10वीं कक्षा की मार्कशीट की गहनता से जांच की।

18 दिन कम थी उम्र

जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए वे चौंकाने वाले थे। लड़की की जन्मतिथि के अनुसार उसकी उम्र अभी 18 साल पूरी नहीं हुई थी। उसके बालिग होने में अभी पूरे 18 दिन बाकी थे। इस जानकारी के सामने आते ही, यह मामला स्पष्ट रूप से बाल विवाह की श्रेणी में आ गया। CWC टीम ने तुरंत परिवार के सदस्यों को समझाया कि बाल विवाह करना एक गंभीर कानूनी अपराध है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कमेटी की समझाइश और कानूनी प्रावधानों की जानकारी के बाद, परिवार ने तत्काल शादी रोकने का निर्णय लिया। उन्होंने भविष्य में लड़की की शादी उसकी उम्र पूरी होने से पहले न करने का लिखित आश्वासन भी टीम को दिया।

बड़ी लड़की की शादी को मिली अनुमति

चेयरमैन उमेश चानना ने बताया कि परिवार में बड़ी लड़की की शादी को अनुमति दे दी गई है, क्योंकि वह बालिग है। हालांकि, छोटी लड़की को उसके परिवार के पास नहीं छोड़ा गया है। उसे रेस्क्यू कर लिया गया है, ताकि भविष्य में दोबारा बाल विवाह का कोई प्रयास न हो सके। कमेटी ने जहां से बारात आने वाली थी, उन लड़कों के परिवार को भी पूरी स्थिति से अवगत करा दिया है, ताकि किसी भी तरह की गलतफहमी या असमंजस की स्थिति उत्पन्न न हो।

अब सरपंचों को दिए जाएंगे सख्त निर्देश

इस घटना के बाद, CWC चेयरमैन उमेश चानना ने गांवों में बाल विवाह पर सख्ती बरतने के संकेत दिए हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह पर अंकुश लगाने में सरपंचों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि गांव का सरपंच CWC की ग्रामीण स्तर की कमेटी का चेयरमैन भी होता है। अब सरपंचों को विशेष दिशा-निर्देश दिए जाएंगे कि वे जब भी गांव में किसी लड़की की शादी हो, तो उसका जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से चेक करें। यदि उम्र को लेकर किसी भी प्रकार का संदेह होता है, तो पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही शादी की अनुमति दी जाए। चानना का कहना है कि यह कदम बाल विवाह के मामलों को जड़ से रोकने में सहायक होगा।

बाल विवाह सामाजिक बुराई के साथ गंभीर अपराध

उमेश चानना ने इस बात पर जोर दिया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं, बल्कि कानूनी तौर पर एक बड़ा अपराध भी है। ऐसे मामलों में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे अपने बच्चों की शादी तभी करें जब वे कानून द्वारा निर्धारित उम्र पूरी कर लें, अन्यथा उन्हें कानून की नजर में दोषी माना जाएगा। 

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