पर्यावरण संरक्षण के लिए आदर्श सौर ग्राम: गांवों में होगी ज्यादा सौर ऊर्जा बनाने की प्रतियोगिता, जीतने वाले को मिलेंगे 1 करोड़ रुपये

हरियाणा के झज्जर में पर्यावरण संरक्षण की पहल करते हुए 29 गांवों में 6 माह के लिए एक प्रतियोगिता शुरू करवाई गई है। जिस गांव में ज्यादा सोलर पैनल लगेंगे उसे एक करोड़ रुपये इनाम दिया जाएगा।

Updated On 2025-06-06 13:21:00 IST

प्रतीकात्मक फोटो।

पर्यावरण संरक्षण के लिए आदर्श सौर ग्राम : हरियाणा के झज्जर जिले की ग्राम पंचायतों को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिले को "आदर्श सौर गांव" योजना के अंतर्गत चुना गया है, जिसके तहत सरकार ने 29 गांवों को इस योजना में शामिल किया है। इन गांवों में सोलर पैनल लगाने को लेकर एक 6 महीने की प्रतिस्पर्धा शुरू की गई है। सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले गांव को 1 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा और उसे "मॉडल सोलर ग्राम" घोषित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना 3 जून से शुरू

झज्जर के उपायुक्त स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने बताया कि भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में "प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना" की शुरुआत की है। इसी योजना का एक घटक "मॉडल सोलर ग्राम" है, जिसका उद्देश्य देश के हर जिले में कम से कम एक गांव को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उदाहरण बनाना है। योजना की प्रतिस्पर्धा 3 जून 2025 से शुरू होकर 2 दिसंबर 2025 तक चलेगी। इस अवधि में गांवों को अधिकतम सोलर पैनल लगाकर, सौर जल पंप, स्ट्रीट लाइट और ग्रिड कनेक्टेड सोलर सिस्टम जैसी सुविधाएं अपनाकर अंक अर्जित करने होंगे।

इन गांवों को मिली योजना में जगह

झज्जर जिले के उन 29 गांवों को योजना में शामिल किया गया है, जिनकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 5,000 से अधिक है। शामिल गांवों में गुभाना, गोच्छी, बामनोली, बिरधाना, खेड़ी खुम्मार, अकेहड़ी मदनपुर, मातन, बराही, कानौंदा, साल्हावास, खरहर, मेहराणा, बिरोहड़, भापड़ौदा, बहू, पाटौदा, आसोदा टोडरान, खानपुर खुर्द, दुजाना, बूपनिया, दुल्हेड़ा, बहराणा, मातनहेल, रोहद, माजरा डी, मांडौठी, बादली, छारा और डीघल जैसे गांव शामिल हैं।

पंचायतों को मिलेगा सीधा लाभ

उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित जिला स्तरीय मीटिंग में योजना को लागू करने के लिए जिला स्तरीय कमेटी का गठन भी किया गया है। एडीसी जगनिवास ने बताया कि इस योजना के तहत सौर ऊर्जा से जुड़ी कई सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री कुसुम सोलर पंपिंग सिस्टम, सोलर स्ट्रीट लाइट्स, ग्रिड-कनेक्टेड प्लांट्स आदि को एकीकृत किया गया है। जो भी ग्राम पंचायत इन योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएगी, वही विजेता गांव बनेगा। सरकार केवल योजना चलाकर रुक नहीं गई है, बल्कि गांव-गांव में जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है। डीसी ने अधीक्षण अभियंता और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी सरपंचों और ग्राम सचिवों के माध्यम से आमजन को योजना की जानकारी दें। गांवों में नुक्कड़ सभा, सूचना पर्चे, और डिजिटल प्रचार-प्रसार के जरिए लोगों को सौर ऊर्जा के फायदे समझाए जाएंगे।

पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान

यह योजना न केवल आर्थिक रूप से पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ा योगदान देगी। सौर ऊर्जा अपनाने से कार्बन उत्सर्जन में कमी, बिजली बिल में बचत और गांवों में स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार होगा। यह पहल प्रधानमंत्री के "हर घर सौर ऊर्जा" और "2030 तक नेट ज़ीरो एमिशन" के लक्ष्य को भी मजबूती प्रदान करेगी।

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