हिसार: परम गुरु व साथी गिरफ्तार, 3 हजार करोड़ की ठगी का आरोप, 58 करोड़ का GST बकाया
फ्यूचर मेकिंग कंपनी से तीन हजार करोड़ की ठगी के आरोप 58 करोड जीएसटी बकाया के आरोपी कंपनी के सीएमडी परम गुरु राधेश्याम व एमडी बंशीलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार ठगी के आरोपी परम गुरु व बंशीलाल।
हरियाणा के हिसार में फ्यूचर मेकिंग के कंपनी के सीएमडी राधेश्याम उर्फ परम गुरु व एमडी बंशीलाल तीन हजार करोड़ की ठगी के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी जैसे ही सोमवार को अदालत पहुंचे तो पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद दोनों को अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस ने आरोपियों को 57 करोड़ के सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स बकाया के मामले में गिरफ्तार किया है। सीजीएसटी कमिश्नर ने 2024 में दोनों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी थी।
कोर्ट ने जारी किया था अरेस्ट वांरट
हिसार कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार की अदालत ने तीन हजार रुपये की ठगी के आरोपी परम गुरु उर्फ राधेश्याम व उसके साथ बंशीलाल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जिसके बाद से फ्यूचर मेकिंग कंपनी के सीएमडी राधेश्याम व एमडी बंशीलाल की हरियाणा सहित दूसरे राज्यों की पुलिस को तलाश थी। गिरफ्तारी के बढ़ते दबाव को देखते हुए दोनों सोमवार को कोर्ट मे आत्मसमर्पण के लिए पहुंचे तो पुलिस ने भनक लगते ही दोनों को दबोच लिया। कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए तथा पुलिस ने उन्हें राजगढ़ रोड स्थित सेंट्रल जेल टू में भेजा दिया।
मार्च में कोर्ट ने लगाई थी फटकार
राधेश्याम उर्फ परम गुरु ठगी के केस में 29 मार्च 2025 को फतेहाबाद में जज हेमंत यादव की कोर्ट में पेश हुआ था। आरोपी ने अदालत को बताया कि उसकी कमर में दर्द था, परंतु कोर्ट में पेश होना भी जरूरी था। इसलिए वह कोर्ट में पेश होने आ गया। इस पर कोर्ट ने फटकार लगात हुए कहा कि था कि कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनकी जमानत याचिका को रद कर दिया जाएगा। राधेश्याम ठगी के आरोप में चार साल जेल में भी रहा। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपना नाम परम गुरु रख लिया और बाबा बन गया। वह हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर सिरसा जिले के डबवाली में आश्रम बना रहा है। आरोपियों की कंपनी फ्यूचर मेकर पर 57 करोड़ का सर्विस टैक्स बकाया है, जिसे वसूल किया जाना चाहिए। केस दर्ज होने पर हमने पहले एंटीसिपेटरी बेल के लिए अर्जी दी थी लेकिन बेल नहीं मिली। अब पेश होने पर जज साहब ने जेल भेज दिया। आरोपियों के वकील परेश सचदेवा के अनुसार, फ्यूचर मेकर कंपनी के साल 2015 से 2018 तक के कारोबार के आधार पर यह सर्विस टैक्स बकाया बताया गया है। करीब छह साल बाद यह केस फाइल किया गया है। अब सेशन कोर्ट में बेल के लिए एप्लिकेशन लगाई जाएगी।
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