दिल्ली ब्लास्ट: 3 डॉक्टर और 2900 KG विस्फोटक का ये है फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से कनेक्शन
सुरक्षा एजेंसियों को पहला सुराग 19 अक्टूबर को कश्मीर में चिपके जैश के पोस्टरों से मिला। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर डॉ. आदिल को 6 नवंबर को गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली ब्लास्ट में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से निकला कनेक्शन।
दिल्ली में हुए विस्फोट और फरीदाबाद के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक की बरामदगी के तार अब फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ गए हैं। इस मामले में यूनिवर्सिटी के कम से कम तीन सदस्य जांच के घेरे में हैं। एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने दिल्ली में खुद को विस्फोटक के साथ उड़ा लिया, जबकि दो डॉक्टर मुजम्मिल शकील और शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया है। यह घटना शिक्षा संस्थान की आड़ में चल रही किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही है।
वीसी का बयान- यूनिवर्सिटी का कोई संबंध नहीं
मामले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को यूनिवर्सिटी की तरफ से पहली बार आधिकारिक बयान जारी किया गया। यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर (VC) प्रो. भुपिंदर कौर आनंद ने पुष्टि की कि उनके दो डॉक्टर हिरासत में हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी ड्यूटी के अलावा यूनिवर्सिटी का इन गतिविधियों से कोई संबंध नहीं है। यूनिवर्सिटी के संदेह के घेरे में आने के बाद परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। अब सभी आने-जाने वाले लोगों को सघन चेकिंग और पूछताछ के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा है। मेडिकल एरिया पर विशेष निगरानी रखी जा रही है और पुराने नोटिस हटाकर नए सुरक्षा नोटिस लगाए गए हैं।
2563 KG विस्फोटक और मौलवी का कनेक्शन
विस्फोटक बरामदगी मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मौलवी इश्तियाक को गिरफ्तार किया है। मौलवी इश्तियाक वही व्यक्ति है जिसने फतेहपुर तगा गांव में अपना मकान डॉ. मुजम्मिल शकील को किराए पर दिया था। 9 नवंबर को इसी मकान से पुलिस ने 2563 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था। इश्तियाक मूल रूप से नूंह जिले के सिंगार गांव का निवासी है और पिछले 10 साल से फतेहपुर तगा की मस्जिद में इमाम है। सूत्रों के मुताबिक, मुजम्मिल गिरफ्तारी से पहले 15 दिन की छुट्टी लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा गया था, जहां उसने विस्फोटक सामग्री एकत्रित की थी, जिसके बाद वह इश्तियाक के किराए के घर पर रुका।
किराए के मकान में रहने वाले अन्य लोगों ने बताया कि मुजम्मिल सामान रखने के लिए गली वाले गेट का इस्तेमाल करता था और पूछने पर सामग्री को 'खाद के कट्टे' बताता था। यह कमरा मुजम्मिल ने 13 सितंबर को किराए पर लिया था।
शाहीन पर जैश की महिला विंग की हेड होने के आरोप
जांच के दायरे में आई दूसरी डॉक्टर शाहीन शाहिद पर गंभीर आरोप लगे हैं। डॉ. मुजम्मिल जो यूनिवर्सिटी में कैजुअल सर्जन था, उसकी शाहीन से बेहद करीबी थी। चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि डॉ. शाहीन शाहिद भारत में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग 'जमात-उल-मोमीनात' की हेड बताई जा रही है।
जांच के प्रमुख बिंदु
• कार का इस्तेमाल: डॉ. मुजम्मिल, लेडी डॉक्टर शाहीन की कार का नियमित रूप से इस्तेमाल करता था। दोनों अक्सर साथ में लंच करते थे और धौज गांव में मुजम्मिल के कमरे पर साथ आते-जाते थे।
• ब्रेनवॉश का शक: जांच अधिकारियों का मानना है कि डॉ. शाहीन ने जूनियर डॉक्टरों और कुछ छात्रों को गाइड करने के बहाने उनका ब्रेनवॉश किया होगा। इस संबंध में जांच टीम ने 12 से अधिक लोगों से पूछताछ की है।
• पिता का बयान: डॉ. शाहीन के पिता ने लखनऊ में बताया कि उन्हें अपनी बेटी के आतंकी संपर्क के बारे में कोई जानकारी या यकीन नहीं है।
हिरासत में लिए गए लोग पूछताछ के बाद रिहा
फरीदाबाद पुलिस ने शुरुआती पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए 50-60 लोगों जिनमें अल-फलाह के 7 लोग शामिल थे। सभी को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया है। हालांकि, यूनिवर्सिटी पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि एक ही गेट से फैकल्टी, छात्र, और मरीज सभी की एंट्री होती है, जिससे सघन जांच मुश्किल हो जाती है।
फिलहाल, सीआईडी समेत जांच एजेंसियां सक्रिय हैं और विस्फोटक पदार्थ की उत्पत्ति और मॉड्यूल के वास्तविक मकसद का पता लगाने में जुटी हैं।