डीजीपी का बड़ा बयान: दिल्ली ब्लॉस्ट दुर्भाग्यपूर्ण, जिम्मेदारों को पाताल से खोज निकालेंगी एजेंसी

DGP ओपी सिंह ने कहा दिल्ली ब्लॉस्ट दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके जिम्मेदारों को हमारी एजेंसी पाताल से भी खोज निकालेंगी। “जेन अल्फ़ा”अपनी सोच व ऊर्जा का देश व समाज के लिए सकारात्मक प्रयोग करें।

Updated On 2025-11-12 19:38:00 IST

हरियाणा के DGP ओपी सिंह

हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने बुधवार को पंचकूला में दिल्ली ब्लॉस्ट पर पहली बार एक बड़ा ब्यान देते हुए कहा कि दिल्ली की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। जिन लोगों कि मृत्यु हुई है भगवान उनके परिजनों को शक्ति प्रदान करें। जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। हमारी एंजेसियां उन्हें पाताल से भी खोज निकालेंगी। हरियाणा पुलिस चाहती है कि नई पीढ़ी, जिसे “जेन अल्फ़ा” कहा जा रहा है, अपनी सोच, ऊर्जा और रचनात्मकता का उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए करें।

हाई अलर्ट पर हरियाणा पुलिस

पंचकूला में आयोजित 'एक शाम GenAlpha' के नाम कार्यक्रम में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि दिल्ली ब्लॉस्ट के बाद से हरियाणा पुलिस अभी भी अलर्ट पर हैं। सभी डॉट्स, पार्किंग प्लेसस या अबेंडेंट व्हीकल्स इत्यादि की तलाशी के लिए नियमित रूप से पुलिस का तलाशी अभियान जारी है। 'व्हाइट कॉलर टेटर मॉड्यूल' का सेंटर प्वाइंट बनी फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी व फरीदाबाद में मिली विस्फोटक सामग्री की खेप व हथियारों के बारे में पूछने पर डीजीपी ने फरीदाबाद पुलिस कमीश्नर द्वारा दी गई जानकारी का हवाला ही दिया।

GenAlpha सकारात्मक दिशा में प्रयोग करें अपनी ऊर्जा

एक शाम GenAlpha के नाम कार्यक्रम में पहुंचे डीजीपी ने कहा कि आज हम पुलिस के एक ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बनने आए थे जिमसें पुलिस युवा व विद्यार्थियों में अपराध के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्कूलों के हेड बॉयज या हैड गर्ल्स के माध्यम से पहुंचने की कोशिश में है। उन्होंने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने और अनावश्यक समय स्क्रीन से दूर रहने की सलाह दी। इसका उद्देश्य विद्यालयों के हेड बॉयज़ और हेड गर्ल्स की क्षमताओं को सही दिशा में उपयोग करना है।

समस्या समाधानकर्ता के रूप में तैयार हो युवा प्रतिनिधि

हरियाणा पुलिस चाहती है कि नई पीढ़ी, जिसे “जेन अल्फ़ा” कहा जा रहा है, अपनी सोच, ऊर्जा और रचनात्मकता का उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए करें। पुलिस विभाग का उद्देश्य है कि इन युवा प्रतिनिधियों को समस्या समाधानकर्ता के रूप में तैयार किया जाए, ताकि वे अपने साथियों को भी जागरूक कर सकें और स्कूलों को सुरक्षित, नशामुक्त और अनुशासित वातावरण प्रदान करने में योगदान दें।

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