अब गारंटी की चिंता नहीं: सरकार की इस योजना में बिना ब्याज मिल रहा लोन, भिवानी में 6271 लोग हुए आत्मनिर्भर
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भिवानी जिले में रोजगार का बड़ा सहारा बन गई है। जिले में लंबित 1,639 आवेदकों को भी शीघ्र ऋण जारी करने के लिए बैंकों को निर्देशित किया गया है।
सरकार की योजना का लाभ उठाकर भिवानी में जरूरतमंद लोग बन रहे हैं आत्मनिर्भर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू की गई 'पीएम स्वनिधि योजना' देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और स्ट्रीट वेंडरों के लिए वरदान साबित हो रही है। यह योजना न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दे रही है, बल्कि बिना किसी गारंटी के आसान ऋण सुविधा प्रदान करके रोजगार की एक नई राह भी खोल रही है। हरियाणा का भिवानी जिला इस योजना के सफल क्रियान्वयन का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरा है, जहां हजारों लोग इस ऋण सहायता से अपना स्वरोजगार स्थापित कर चुके हैं।
भिवानी में 6271 लाभार्थियों ने अपना काम शुरू किया
भिवानी जिले में यह योजना अब तक 6,271 लाभार्थियों के लिए रोजगार का बड़ा सहारा बन चुकी है। इन लाभार्थियों ने बिना किसी गारंटी के ऋण लेकर सफलतापूर्वक अपना काम शुरू कर दिया है। भिवानी जिले के पीएम स्वनिधि अधिकारी अरुण कटारिया ने बताया कि इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए, 1,639 आवेदकों के लंबित आवेदनों पर भी तेज़ी से काम किया जा रहा है और बैंकों को शीघ्र ऋण जारी करने के लिए निर्देशित किया गया है।
तीन चरणों में मिलता है लोन
पीएम स्वनिधि योजना के तहत लाभार्थियों को तीन अलग-अलग किस्तों में कुल ₹15,000 से लेकर ₹50,000 तक की ऋण सहायता प्रदान की जाती है। पहली किश्त (प्रथम श्रेणी) में ₹15,000 तक, दूसरी किश्त (पहली किश्त का समय पर भुगतान करने पर) में ₹25,000 तक और तीसरी किश्त में ₹50,000 तक (दूसरी किश्त का समय पर भुगतान करने पर) मिलता है।
ब्याज रहित ऋण और आसान भुगतान
पीएम स्वनिधि योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह ऋण ब्याज-रहित (Interest-free) होता है, बशर्ते इसका भुगतान समय पर कर दिया जाए। यह सुविधा स्ट्रीट वेंडरों को साहूकारों के उच्च ब्याज दर वाले कर्ज से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है।
पीएम स्वनिधि अधिकारी अरुण कटारिया ने भिवानी में योजना की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम श्रेणी में 10 से 15 हजार रुपये तक 6,271 लाभार्थियों को दिया गया है। द्वितीय श्रेणी में 20 से 25 हजार रुपये तक की राशि 1,675 लाभार्थियों को प्रदान की गई। वहीं तृतीय श्रेणी में 50 हजार तक 427 लाभार्थियों को प्रदान की गई। जिन 1,639 आवेदकों को अब तक ऋण नहीं मिला है, उन्हें शीघ्र ही राशि जारी कर दी जाएगी। बैंक अधिकारियों द्वारा आवश्यक निरीक्षण प्रक्रिया पूरी की जा रही है और आवेदकों को दस्तावेज़ जमा करने के लिए फोन पर सूचित किया जा रहा है।
ये लोग उठा सकते हैं लाभ
यह योजना केवल रेहड़ी-पटरी वालों तक सीमित नहीं है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत कुल 31 श्रेणियों के कामगार लाभ ले सकते हैं। इसमें स्ट्रीट वेंडर, हॉकर, और गली-मोहल्ले में रेहड़ी लगाने वाले छोटे व्यापारी शामिल हैं।
योजना का लाभ ले रहे ललित कुमार और राजकुमार जैसे लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि "बिना गारंटी और बिना ब्याज" के मिलने वाले इस ऋण से उन्हें अपना काम शुरू करने में बहुत मदद मिली है। उनके अनुसार, यह योजना जरूरतमंदों के लिए एक स्वर्णिम अवसर और आत्मनिर्भर बनने का सीधा जरिया बन गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भिवानी जिले में लाभार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो यह दर्शाता है कि यह योजना जमीनी स्तर पर रोजगार सृजन और आर्थिक सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार की यह पहल देश में एक मजबूत स्वरोजगार संस्कृति को बढ़ावा दे रही है।
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